जबलपुर का 1100 साल पुराना मंदिर, मां लक्ष्मी की मूर्ति दिन में 3 बार बदलती है रंग, दिवाली पर उमड़ता जनसैलाब

जबलपुर का 1100 साल पुराना मंदिर, मां लक्ष्मी की मूर्ति दिन में 3 बार बदलती है रंग, दिवाली पर उमड़ता जनसैलाब


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Jabalpur News: जबलपुर का लक्ष्मी नारायण पचमठा मंदिर अपने रहस्यमयी चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की प्रतिमा दिन में तीन बार रंग बदलती है. दिवाली पर यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है.

Pachmatha Mandir Jabalpur. संस्कारधानी जबलपुर के अधारताल स्थित मां लक्ष्मी का मंदिर अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है. लक्ष्मी नारायण पचमठा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में मां लक्ष्मी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. इस प्रतिमा के बारे में कई मान्यताएं प्रचलित हैं. जहां सूर्य की पहली किरण मां लक्ष्मी के चरणों पर पड़ती हैं. इसके अलावा प्रतिमा दिन में तीन बार रंग बदलती हुई दिखाई देती हैं. मंदिर में दिवाली और शुक्रवार के दिन भक्तों का तांता लगता है और दिवाली के समय इस मंदिर में मां लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

मंदिर के पुजारी रामकिशोर बताते हैं कि यहां स्थापित प्रतिमा दिन में तीन बार रंग बदलती है. कुछ लोग केवल इसी का अनुभव करने के लिए ही पचमठा मंदिर आते हैं. सुबह में प्रतिमा सफेद, दोपहर में पीली और शाम को नीली हो जाती है. इस मंदिर का इतिहास कुछ ऐसा है मां लक्ष्मी का ये अद्भुत मंदिर गोंडवाना शासन में रानी दुर्गावती के विशेष सेवापति रहे, दीवान अधार सिंह के नाम से बने अधारताल तालाब में करवाया गया था. इस मंदिर में अमावस की रात भक्तों का तांता लगता है. पचमठा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर एक जमाने में पूरे देश के तांत्रिकों के लिए साधना का विशेष केन्द्र हुआ करता था.

मंदिर के चारों तरफ श्री यंत्र की है अनूठी संरचना
मंदिर के चारों तरफ श्रीयंत्र की विशेष रचना है. जो 1100 साल पहले बना था. मंदिर के अंदरूनी भाग में लगे श्रीयंत्र की अनूठी संरचना के बारे में भी हमेशा चर्चा की जाती है. साथ ही एक और खास बात इस मंदिर से जुड़ी है, जिसके अनुसार आज भी सूर्य की पहली किरण मां लक्ष्मी की प्रतिमा के चरणों पर पड़ती है.

मंदिर में दर्शन करने से होती है मनोकामना पूरी
मंदिर की मान्यता हैं सात शुकवार यहां पर आकर मां लक्ष्‍मी के दर्शन कर लिये जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो जाती है. मंदिर के कपाट केवल रात को छोड़ कर हर समय खुले रहते हैं. सिर्फ दीपावली को ऐसा होता है जब पट रात में भी बंद नहीं होते. श्रद्धालुओं का कहना है कि सच्चे मन से जो मां लक्ष्मी के पास अपनी मनोकामनाएं लेकर आता है वह मनोकामनाएं पूरी होती हैं. दूसरी तरफ दिवाली के खास मौके पर पंचगव्यों से महाभिषेक किया जाता है.

Dallu Slathia

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across … और पढ़ें

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जबलपुर का 1100साल पुराना मंदिर, मां लक्ष्मी की मूर्ति दिन में 3 बार बदलती रंग



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