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मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी को गंगा से भी ज्यादा पवित्र माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि गंगा साल में एक बार खुद को शुद्ध करने नर्मदा में आती हैं. जानिए नर्मदा के जन्म की पौराणिक कथा, इसके धार्मिक महत्व और 3500 किमी लंबी नर्मदा परिक्रमा का आध्यात्मिक रहस्य….
खरगोन. मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी को गंगा से भी ज्यादा पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि गंगा भी साल में एक बार खुद को शुद्ध करने के लिए नर्मदा में आती है. हर साल लाखों श्रद्धालु मां नर्मदा की परिक्रमा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर नर्मदा को गंगा से भी ज्यादा पवित्र क्यों कहा गया है? आइए जानते हैं इसकी पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व…
नर्मदा कैसे बनी गंगा से ज्यादा पवित्र?
संत जयरामदास महाराज बताते हैं कि, पुराणों में वर्णन आता है कि जब गंगा को राजा सगर के पुत्रों को तारने का वरदान मिला, तब नर्मदा ने भी अपने आराध्य भगवान शिव की कठोर तपस्या की. उन्होंने प्रार्थना की कि उन्हें भी गंगा की तरह पवित्र और फलदायिनी बनने का आशीर्वाद मिले. तब भगवान शिव ने कहा- हे नर्मदे! गंगा में स्नान करने से जितना पुण्य मिलता है, तुम्हारे दर्शन करने मात्र से कई गुना अधिक पुण्य मिलेगा. तभी से नर्मदा को गंगा से ज्यादा फलदायी माना गया.
नर्मदा में एक स्नान, गंगा में लाख बराबर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नर्मदा का जन्म भगवान शिव के पसीने से हुआ था. कहा जाता है कि इसके तट पर करीब 88 हजार तीर्थ हैं. यदि किसी शिव मंदिर के पास नर्मदा प्रवाहित होती है, तो वहां स्नान करने से व्यक्ति को एक लाख गंगा स्नान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. ओंकारेश्वर, अमरकंटक, महेश्वर, मंडलेश्वर और नर्मदापुरम जैसे तीर्थ नर्मदा के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाते हैं.
नर्मदा परिक्रमा का महत्व
धर्म शास्त्रों में नर्मदा परिक्रमा का भी अत्यंत महत्व है. लगभग 3500 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में श्रद्धालु नर्मदा के दोनों किनारों की पदयात्रा करते हैं. यह केवल यात्रा नहीं बल्कि एक साधना मानी जाती है, जो व्यक्ति को आत्मशुद्धि, धैर्य और समर्पण का अनुभव कराती है. मान्यता है कि नर्मदा परिक्रमा करने वाला व्यक्ति अपने जीवन के सारे पापों से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. कई श्रद्धालु बताते हैं कि परिक्रमा के दौरान उन्हें मां नर्मदा के साक्षात दर्शन होते हैं.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
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