सतना में दीपावली के अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन कर्मस्थली चित्रकूट धाम में दीपदान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार को लगभग 12 लाख भक्तों ने मंदाकिनी नदी में स्नान कर कामदगिरि की परिक्रमा की और दीपदान किया।
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चित्रकूट क्षेत्रांतर्गत पांच किलोमीटर के कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ मंदाकिनी नदी किनारे स्थित रामघाट, भरत घाट, राघव प्रयाग घाट पर भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। इसके अतिरिक्त हनुमानधारा, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी और भरतकूप जैसे धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं ने दीपदान किया।
प्रशासन ने की थी खास तैयारी इस बार मध्य प्रदेश के हिस्से वाले भरत घाट पर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दीपदान करते हुए नजर आए, जिससे वहां विशेष रौनक दिखी। स्थिति को देखते हुए, कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह चित्रकूट में मौजूद रहे और लगातार सभी क्षेत्रों में व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। प्रशासन द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे, जिसके चलते भक्त आराम से स्नान और परिक्रमा कर दीपदान कर सके।
40 लाख तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावना मंदाकिनी घाट और प्रमुख चौराहे आकर्षक लाइटों से जगमग थे। पांच दिवसीय दीपावली मेला पर्व के दौरान इस बार 40 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों के चित्रकूट आगमन का अनुमान लगाया जा रहा है। चित्रकूट में दीपदान का अपना विशेष महत्व है। सनातन संस्कृति में दीपावली, विजयादशमी, रक्षा बंधन और होली चार प्रमुख शाश्वत पर्व माने जाते हैं।
एक किंवदंती के अनुसार, वनवास काल में जब भगवान श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण जी के साथ चित्रकूट में साढ़े ग्यारह साल तक रहे, तब अमावस्या की रात गहन अंधेरा देखकर माता जानकी ने सर्वत्र दीप प्रज्वलित किए थे। तभी से चित्रकूट में दीपदान करने का विशेष महत्व है।
तस्वीरों में देखें भक्तों का उत्साह



