हरदा में मंगलवार को चारों जैन मंदिरों में 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2552वां निर्वाण मोक्ष कल्याणक महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर खिरकिया और टिमरनी के जैन मंदिरों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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श्रद्धालुओं ने जैन मंदिरों में परंपरागत रूप से शांतिधारा अभिषेक किया। इसके बाद भगवान महावीर स्वामी की पूजा-अर्चना की गई और निर्वाण कांड पढ़ते हुए जयकारों के साथ निर्वाण लाडू अर्पित किए गए।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व जैन समाज के कोषाध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान महावीर स्वामी ने पावा नगरी के मनोहर उद्यान में स्वाति नक्षत्र के समय मोक्ष प्राप्त किया था। तभी से जैन धर्म में दीपोत्सव और निर्वाणोत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है।
इसी दिन गौतम स्वामी को कैवल्यज्ञान की प्राप्ति हुई थी, जिससे इस दिवस का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
समाज के मंत्री राहुल गंगवाल ने बताया कि भगवान महावीर का जीवन सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य जैसे पंच सिद्धांतों पर आधारित है। जैन धर्म में धन-यश और वैभव लक्ष्मी की बजाय वैराग्य लक्ष्मी प्राप्ति पर बल दिया जाता है।

अभिषेक और लाडू अर्पित करने का सौभाग्य भगवान महावीर स्वामी के अभिषेक शकुंतला गंगवाल, रितेश गंगवाल परिवार, हेमंत जैन, पल्लव जैन, स्वदेश गंगवाल, स्वासिक गंगवाल, अशोक जैन, आलोक जैन, सरोज बड़जात्या, पवित्र प्रतीक बड़जात्या, अभिषेक रपरिया और आरती रपरिया को प्राप्त हुआ।
निर्वाण लाडू अर्पित करने का सौभाग्य महेंद्र अजमेरा, हितेंद्र अजमेरा परिवार को मिला, जबकि आरती का सौभाग्य पवन सिंघई, अनुलेखा सिंघई और अंकित सिंघई परिवार को प्राप्त हुआ। जैन समाज के सभी श्रावक-श्राविकाओं ने नगर के चारों जैन मंदिरों में पहुंचकर निर्वाण लाडू अर्पित किए और भगवान महावीर से आशीर्वाद लिया।