टूटती उम्मीदें: दुर्घटनाओं के बाद शुरूआत के एक से दो घंटे में इलाज की जरूरत, भोपाल जाने में लग जाते हैं 7-8 घंटे – Sagar News

टूटती उम्मीदें:  दुर्घटनाओं के बाद शुरूआत के एक से दो घंटे में इलाज की जरूरत, भोपाल जाने में लग जाते हैं 7-8 घंटे – Sagar News


संभाग की सरकारी अस्पतालों में दिल, दिमाग और किडनी से संबंधित रोगों का इलाज करने के लिए एक भी विशेषज्ञ नहीं है। 2009 में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद लोगों को कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञ मिलने की उम्मीद थी, ले

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सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज न मिलने के कारण मरीज मरीज महानगरों या फिर प्राइवेट अस्पतालों पर निर्भर हैं। सबसे ज्यादा जरूरी न्यूरो सर्जन की है क्योंकि अकेले बीएमसी से हर माह औसतन 35 मरीजों को भोपाल रेफर किया जा रहा है।

चूंकि सिर में गंभीर चोट होने पर इलाज का गोल्डन आवर 1 से 2 घंटे का होता है और भोपाल पहुंचते – पहुंचते कम से कम 7 से 8 घंटे का समय निकल जाता है। ऐसे में कोई रास्ते में ही दम तोड़ देता है तो कुछ की इलाज के दौरान मौत हो जाती है। जानकारी के अनुसार औसत 10 लोगों की मौत की वजह समय से इलाज न मिलना है।

प्राइवेट अस्पतालों में न्यूरोलॉजिस्ट की ओपीडी के बाहर लग रही कतार

शहर के ही प्राइवेट अस्पतालों में न्यूरोलॉजिस्ट की ओपीडी के बाहर प्रतिदिन मरीजों की कतार लगी रहती है। हर रोज न्यूरो संबंधी समस्या से ग्रसित 100 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। यदि बीएमसी को विशेषज्ञ डॉक्टर मिल जाते हैं तो सागर ही नहीं, बल्कि संभाग 6 जिलों सागर, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी व दमोह जिलों को मिलाकर अनुमानित 79 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा।

इसलिए जरूरी न्यूरोसर्जन

जिले में हर साल 1800 से ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। पिछले 9 माह में ही 1224 सड़क हादसों में 318 लोगों की मौत हुई, जबकि 2574 लोग घायल हुए हैं। हादसों के बाद सिर, रीड की हड्डी आदि में गंभीर चोट होने पर मरीज बीएमसी आता है। कई बार मरीज को अस्पताल पहुंचने में ही 1 से दो घंटे लग जाते हैं।

बीएमसी में प्राथमिक उपचार के बाद उसे भोपाल रेफर करते हैं और इस सब में भी लगभग एक से डेढ़ घंटा बीत जाता है। इसके बाद यदि घायल/मरीज की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है तो भोपाल जाना पड़ता है। सागर से भोपाल जाने में कम से कम 3:30 घंटे और इसके बाद वहां के अस्पताल में इलाज शुरू होने में लगने वाला समय है।

यह सब मिलाकर 7 से 8 घंटे बीत जाते हैं। जबकि ऐसे मामलों में शुरूआती एक से दो घंटों को गोल्डन टाइम माना जाता है, यानी उसे शुरुआत के 2 घंटे में इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।

हर माह सिर में चोट वाले औसत 35 मरीज रेफर हो रहे

पिछले कुछ सालों से जिला अस्पताल रेफरल यूनिट बना हुआ है। सड़क हादसों से लेकर अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज के गंभीर नजर आते ही उसे बीएमसी रेफर कर दिया जाता है, लेकिन यहां भी हर मर्ज का इलाज नहीं मिल पाता। पिछले महीने की बात करें तो बीएमसी से 32 ऐसे मरीजों को रेफर किया गया था, जिनको न्यूरो सर्जन की जरूरत थी। वहीं अप्रेल, मई में इनकी संख्या 50 के आसपास रही। बीएमसी से हर माह औसत 30 से 35 मरीजों को रेफर किया जाता है। इसके अलावा कार्डियो व यूरो के मामलों में भी यही स्थिति बनती है।

किन डॉक्टर्स की जरूरत 1- न्यूरो सर्जन: मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नसों से संबंधित सर्जरी करते हैं। 2- कार्डियो सर्जन: हृदय और फेफड़े जैसे अंगों की सर्जरी करते हैं, जिसमें प्रत्यारोपण भी शामिल है। 3- यूरोलॉजिकल सर्जन: गुर्दे, मूत्राशय और मूत्र पथ से संबंधित समस्याओं की सर्जरी करते हैं।

मुख्यमंत्री से चर्चा की है : विधायक ^बीएमसी में न्यूरो सर्जन व कार्डियोलॉजिस्ट की बहुत जरूरत है। इसके लिए प्रबंधन से बात करने के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात अपनी बात उनके सामने रखी थी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि बीएमसी में कैथ लैब तैयार होने के बाद कार्डियोलॉजिस्ट मिल जाएगा और इसके साथ ही न्यूरो सर्जन के पद स्वीकृत कर पोस्टिंग की जाएगी। यह सब एक साल के अंदर होने की उम्मीद है।

– शैलेंद्र कुमार जैन, विधायक, सागर

न्यूरो सर्जन के लिए प्रस्ताव भेजा है ^​हार्ट के मरीजों के लिए हमारे पास आईसीयू के साथ इलाज करने डॉक्टर हैं, जो अटैक आने पर मरीज का इलाज कर सकते हैं। सबसे बड़ी समस्या न्यूरो सर्जन की है। सिर में गंभीर चोट होने पर मरीज को समय रहते इलाज मिलना चाहिए। न्यूरो सर्जन न होने के कारण मजबूरी में मरीज को रेफर करना पड़ता है, ऐसे केस में रिस्क भी ज्यादा रहता है। इसलिए हमारी प्राथमिकता न्यूरो सर्जन की है। इसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ प्रभारी मंत्री से भी चर्चा हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही बीएमसी को न्यूरो सर्जन मिल जाएगा। – डॉ. पीएस ठाकुर, डीन, बीएमसी



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