देवास में दिवाली के दूसरे दिन मनाए जाने वाले पड़वा पर्व पर बुधवार को गोवर्धन पूजा की गई। देवास के कृष्णापुरा स्थित गवली समाज द्वारा कई वर्षों से एक परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है, जिसमें छोटे बच्चों को गाय के गोबर से बने गोवर्धन में लेटाया जाता है।
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इस परंपरा के पीछे यह मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चों का स्वास्थ्य वर्ष भर अच्छा रहता है और वे बीमार नहीं पड़ते। समाज के लोग बताते हैं कि यह आयोजन कई वर्षों से लगातार किया जा रहा है।
ग्रामीणों की मान्यता- बच्चे सालभर रहते हैं स्वस्थ्य पूजा के लिए समाज की महिलाएं सुबह गाय के गोबर से गोवर्धन बनाती हैं। इसके बाद उसकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। विभिन्न पकवान बनाकर गोवर्धन महाराज को भोग लगाया जाता है, और फिर छोटे बच्चों को स्वास्थ्य लाभ की कामना के साथ इसमें लेटाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर ग्वालों की रक्षा की थी। इसी कारण गवली समाज में यह मान्यता स्थापित हुई कि गोवर्धन उनकी रक्षा करते हैं, और इसीलिए बच्चों को गोबर में रखा जाता है। इस आयोजन से पहले गवली समाज द्वारा पूरे क्षेत्र में मंगलगीत गाकर सामूहिक पूजा की जाती है। क्षेत्र में कई स्थानों पर इस प्रकार के आयोजन होते हैं, जिसमें समाज के लोग आतिशबाजी भी करते हैं।
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