छतरपुर जिले के रतनगढ़ में दीपावली के अवसर पर लगने वाला लख्खी मेला अपने चरम पर पहुंच गया है। माता रतनगढ़ और कुंअर बाबा के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। डेढ़ किलोमीटर की पहाड़ी पर हर ओर श्रद्धालुओं का जनसैलाब नजर आया। जैसे ही सुबह में पट खुले
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स्मार्ट मैनेजमेंट और एक्सप्रेस सिस्टम लागू किया
इस बार प्रशासन ने मेले का आयोजन स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत किया। पहली बार एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए, जिससे श्रद्धालुओं की भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सका।
मुख्य पार्किंग बसई मलक में बनाई गई है, जो मंदिर से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है और इसमें लगभग 6,000 वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इसके अलावा अन्य पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं:
- दूल्हादेव – 10,000 वाहन पार्क करने की क्षमता।
- मरसेनी तिराहा – मंदिर से 8 किलोमीटर दूर।
- भगुवापुरा – 11 किलोमीटर दूर।
- खंजापुरा – 13 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा ग्वालियर रोड और मंगरोल-लोकेंद्रपुर मार्ग पर भी पार्किंग उपलब्ध है।
लाखों श्रद्धालु पहुंचे
बुधवार सुबह से अब तक लाखों श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि शुक्रवार तक यह आंकड़ा 30 लाख पार कर जाएगा। हर पार्किंग स्थल पर दिशा-सूचक बोर्ड, स्वयंसेवक, पुलिस बल और मेडिकल टीम तैनात हैं। फूल सजे स्वागत द्वार और जगह-जगह भोजन-जल सेवा के कैंप लगे हैं। आसपास के किसानों ने प्रशासन का सहयोग करते हुए खेतों की बुवाई टाल दी, जिससे अतिरिक्त स्थान पार्किंग और कैंपों के लिए उपलब्ध हुआ।
मंदिर जाने के लिए अलग अलग रास्ते बनाए पार्किंग से मंदिर तक 10 यात्री प्रतीक्षालय बनाए गए हैं, प्रत्येक में 100 से अधिक श्रद्धालु ठहर सकते हैं। रतनगढ़ सेवा समिति ने यज्ञ शाला के पीछे खुला विश्राम स्थल तैयार किया है, जिसमें 1,000 से अधिक श्रद्धालु ठहर सकते हैं। मंदिर परिसर में आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। श्रद्धालु माता रतनगढ़ की सीढ़ियां चढ़कर सीधे मंदिर पहुंचे और पहाड़ी के रास्ते कुंअर बाबा मंदिर तक गए। वापसी के लिए नए निर्मित रास्ते और सीढ़ियां बनाई गई हैं।
मेला दो दिन चलेगा
लख्खी मेला इस बार 21 से 24 अक्टूबर तक चलेगा। 21 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और 22 अक्टूबर को दौज पूजा होगी। कुंअर बाबा भवन 4,000 स्क्वायर फीट में तैयार किया गया है और परिक्रमा मार्ग चौड़ा किया गया है। सिंध नदी में 2200 फीट लंबा सुरक्षा जाल लगाया गया है। पहाड़ी की चौड़ाई बढ़ाई गई और नया सीसी रोड बनाया गया है। 12 वाटर कूलर से 1,000 लीटर ठंडा पानी उपलब्ध कराया गया है। पहाड़ी के नीचे और ऊपर भंडार गृह, स्नान गृह, भोजन स्थल और धर्मशालाएं तैयार हैं।
श्रद्धालु मोबाइल कैमरों से फोटो और वीडियो बना रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर रतनगढ़ का यह भव्य दृश्य वायरल हो रहा है।
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