ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने परिवहन निगम के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को सेवा विस्तार दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति आशीष श्रोती की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि जब राज्य शासन की स्वीकृति के आधार पर नियुक्ति या विस्तार किया
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यह याचिका प्रांतीय राज्य परिवहन कर्मचारी संघ (कांग्रेस) मध्यप्रदेश ग्वालियर द्वारा दायर की गई थी। संघ ने परिवहन पर्यवेक्षक पद से सेवानिवृत्त अशोक तोमर की सेवा अवधि बढ़ाए जाने को अवैध बताते हुए उनके पद पर बने रहने के अधिकार को चुनौती दी थी।
संघ ने सेवा विस्तार को मानक स्थायी आदेशों के विपरीत बताया
याचिकाकर्ता संघ ने तर्क दिया कि संबंधित कर्मचारी अशोक तोमर 3 नवंबर 2023 को 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें पद पर बनाए रखना कानून के विरुद्ध है। संघ ने इस सेवा विस्तार को मानक स्थायी आदेशों के विपरीत बताते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी को 60 वर्ष की आयु के बाद सेवा में नहीं रखा जा सकता।
वहीं, परिवहन निगम की ओर से दलील दी गई कि निगम सेवा विनियम 1950 के विनियम 59 के अनुसार राज्य सरकार की स्वीकृति से किसी कर्मचारी को 60 वर्ष से अधिक आयु तक सेवा विस्तार दिया जा सकता है। इस मामले में राज्यपाल की स्वीकृति के बाद ही कर्मचारी का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाया गया है।