Diwari Festival: MP के इस गांव में रात में मनाई जाती है ‘लट्ठमार दिवारी’, द्वापर युग से जुड़ी ये परंपरा, जानें

Diwari Festival: MP के इस गांव में रात में मनाई जाती है ‘लट्ठमार दिवारी’, द्वापर युग से जुड़ी ये परंपरा, जानें


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Bundelkhand Diwari Festival: छतरपुर के गांवों में आज भी एक ऐसी परंपरा चलन में है, जिसका संबंध द्वापर युग से बताया जाता है. दरअसल, छतरपुर जिले में दीपावली पर्व से दिवारी खेलने की परंपरा है.

Chhatarpur News: छतरपुर जिले के गांवों में आज भी एक ऐसी परंपरा चलन में है, जिसका संबंध द्वापर युग से बताया जाता है. दरअसल, छतरपुर में दीपावली पर्व से ‘दिवारी खेलने’ की परंपरा है. साथ ही दिवारी गाकर नृत्य करने की परंपरा है. रात-भर दिवारी टोली पूरे गांव में लट्ठमार दिवारी का प्रदशर्न करती है. बता दें, मोनिया गांव में घूमते हैं और एक औषधि से घरो में दरिद्रता को भी भगाते हैं. ये औषधि बीमारियां भी भगाती है.

भगवान कृष्ण को प्रिय 
गांव के बहोरा पाल बताते हैं कि हमारे बुंदेलखंड में लट्ठमार दिवारी का चलन बहुत पुराना है. साथ ही यहां दिवारी नृत्य और गाने की परंपरा भी है. इस परंपरा के बारे में हमारे बुजुर्ग बताया करते थे कि “दिवारी” परंपरा पीढ़ियों से देखते आए हैं. ये परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है. भगवान कृष्ण दिवारी खेला करते थे. उन्हें दिवारी बहुत पसंद थी. आज भी उन्हीं के लिए ये दिवारी खेली भी जाती है, गाई जाती है और नृत्य भी उन्हीं के लिए होता है.

दीपावली पर्व से गांव-गांव करते दिवारी 
वहीं फेरन पाल बताते हैं कि “दिवारी” अभ्यास दशहरा पर्व से शुरू कर देते हैं. इस अभ्यास में लट्ठमार दिवारी, नृत्य होता है.  दीपावली की रात से दीवारी टोली घर-घर दिवारी का प्रदर्शन करते हैं. दीपावली की रात तो पूरी रात भ्रमण कर लट्ठमार दिवारी और नृत्य का प्रदशर्न करते हैं. इसके बाद दूसरे गांवों में भ्रमण कर लट्ठमार दिवारी और नृत्य का प्रदर्शन करते हैं. छतरपुर जिले में ये दिवारी ग्यारस त्योहार तक मनाने की परंपरा है.

नगड़िया की थाप पर करते हैं दिवारी 
बताते हैं कि लट्ठमार दिवारी बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी खेलते हैं. ढोलक और नगड़िया की थाप पर लट्ठमार दिवारी खेली जाती है. जितनी तेज ढोलक और नगड़िया बजेगी उतनी ही तेजी से लट्ठमार दिवारी खेली जाती है. साथ ही बुजुर्गों द्वारा दीवारी गाते हुए नृत्य किया जाता है.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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MP के इस गांव में रात में मनाई जाती है ‘लट्ठमार दिवारी’, द्वापर युग की परंपरा!



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