Jabalpur Amazing Fact: संविधान का पहला पेज यही सजा, तिरंगा पहली बार यहीं लहराया, ये है जबलपुर की अनसुनी कहानी

Jabalpur Amazing Fact: संविधान का पहला पेज यही सजा, तिरंगा पहली बार यहीं लहराया, ये है जबलपुर की अनसुनी कहानी


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Jabalpur Amazing Fact: मध्यप्रदेश की न्यायधानी जबलपुर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद खास है. यहां संविधान शिल्प से लेकर तिरंगा सत्याग्रह, भेड़ाघाट की खूबसूरती, ओशो जैसे विचारक, और एशिया का सबसे बड़ा अर्बन फॉरेस्ट डुमना स्थित है.

भारत का हृदय मध्यप्रदेश और उस दिल के अंदर बसा संस्कारधानी जबलपुर. जो अपनी खासियत के लिए देशभर में मशहूर हैं. शहर की कई रोचक बातें हैं, जो कम लोग ही जानते हैं. आईए जानते हैं जबलपुर के कुछ अमेजिंग फैक्ट.

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भारत का संविधान, जिसके मुख्य पृष्ठ को सजाने का काम जबलपुर के ही व्यौहार राम मनोहर सिन्हा ने किया था, जिसमें उन्होंने कई चित्र बनाए थे, उनके द्वारा बनाए गए 10 चित्रों को संविधान में अलग-अलग जगह पर स्थान दिया गया था.

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भारत में सबसे पहले 1923 में जबलपुर में ही तिरंगा झंडा फहराया गया था. जहां जबलपुर से शुरू हुआ झंडा सत्याग्रह पूरे देश में आग की तरह फैला था. ब्रिटिश यूनियन जैक पर तिरंगे की जीत के बाद यह तिरंगा जबलपुर के टाउन हॉल, गांधी लाइब्रेरी में फहराया गया था.

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विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट, जिसकी पहचान पूरे विश्व में है. भेड़ाघाट और धुआंधार का अद्भुत विहंगम नजारा, जिसे देख टूरिस्ट गदगद हो जाते हैं, जहां संगमरमर वादियों के बीच वॉटरफॉल देखने को मिलता हैं.

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फिल्मों की शूटिंग के लिए भी जबलपुर के कई स्थान काफी फेमस है. जिसमें भेड़ाघाट के नजदीक पंचवटी, जहां कई फिल्मों की शूटिंग की जा चुकी हैं, जिसमें शाहरुख खान की डंकी, रितिक रोशन की मोहनजोदड़ो का मगरमच्छ सीन से लेकर अशोका सहित कई साउथ फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. यहां वोटिंग का नजारा अदभुत होता हैं.

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मध्यप्रदेश, हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में स्थित हैं. जहां भोपाल को राजधानी और जबलपुर को न्यायधानी बनाया गया था. हाईकोर्ट की इमारत को राजा गोकुलदास ने बनवाया था.

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एशिया का सबसे बड़ा अर्बन फॉरेस्ट जबलपुर शहर में मौजूद है. जिसे डुमना नेचर पार्क के नाम से जाना जाता है. यह फॉरेस्ट 2 हजार एकड़ में फैला हुआ है. जहां तेंदुआ, मोर से लेकर कई मगरमच्छ और पक्षी हैं. इतना ही नहीं देशभर में सबसे स्वच्छ वायु जबलपुर की है. जहां जबलपुर को दूसरी रैंक मिली हुई है.

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जबलपुर जिले के कई फेमस लेखक, कवि और चित्रकार रहे हैं. जिसमें आचार्य ओशो रजनीश जैन, जिनका डंका देश भर में बजता है. जिन्होंने अपनी पढ़ाई जबलपुर से ही पूरी की थी और जबलपुर में प्रोफेसर भी रह चुके हैं. मौलश्री वृक्ष के नीचे और जिस चेयर में बैठा करते थे. आज भी वह पेड़ और चेयर मौजूद है.

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जल संरक्षण के मामले में देशभर में जबलपुर शहर अपनी अलग पहचान रखता है. जहां गोंड कालीन एक शहर में ही 52 ताल तलैया हैं. जो जल संरक्षण की अनोखी मिसाल हैं. इन ताल तालाबों का नाम रानी दुर्गावती ने ही दिया था. जिसमें अधिकांश तालाब आज भी संरक्षित हैं.

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देशभर में प्रधान जी नाम से फेमस एक्टर रघुवीर यादव जबलपुर से ही आते हैं. जिन्होंने मुंगेरीलाल के सपने में मुंगेरीलाल की भूमिका निभाई थी. इसके अलावा फिल्म लगान सहित पंचायत और कई वेब सीरीज में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं.

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ऐतिहासिक धरोहरों में जबलपुर शहर रानी दुर्गावती का गढ़ रहा है. जहां आज भी कई गोंड कालीन विरासत जबलपुर में मौजूद है. जिसमें रानी दुर्गावती का किला मदनमहल, बैलेंस रॉक जैसे कई ऐतिहासिक धरोहर शामिल है.

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संस्कारधानी जबलपुर से होकर मां नर्मदा बहती हैं. जबलपुर शहर एकमात्र ऐसा बड़ा शहर हैं. जहां मां नर्मदा होकर गुजरती है, खास बात यह है मां नर्मदा का जल सारा शहर पीता है. जबलपुर में मां नर्मदा के दर्जनों तट बनाए गए हैं. जहां मां नर्मदा के लाखों भक्त हैं. शहर में नर्मदा जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है.

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इसके अलावा लेखक और चित्रकार अमृत लाल वेंगड, हरिशंकर परसाई जैसे प्रसिद्ध लेखकों ने जबलपुर का नाम गौरवान्वित करने का काम किया था. जिनकी रचना आज भी पढ़ने और सुनने को मिलती है.

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राजनीतिक दृष्टि से भी जबलपुर शहर में कई दिग्गज नेता रहे हैं. जहां कई नेता जबलपुर से ही राजनीति कर पढ़ लिख कर आगे बढ़े और भारत में अपने अलग पहचान रखते हैं. जिसमें जदयू शरद यादव, मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष रहें ईश्वरदास रोहाणी, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, वीडी शर्मा, तरूण भनोट, लखन घनघोरिया सहित कई नाम शामिल हैं.

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मध्यप्रदेश के जबलपुर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर और देश का सबसे लंबा रेल केबल स्टे ब्रिज हैं. खास बात ये कि इस फ्लाईओवर को फ्रांस के इंजीनियरों की मदद से बनाया गया है. 7 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर को बनाने में 1100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.

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