MP में यहां भैंसों का घातक दंगल… दबंग-2, कायरा और पुष्पा के बीच कड़ा मुकाबला, देखने उमड़ा लोगों का सैलाब

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Khargone News: इस साल भी मंडलेश्वर में दिवाली के बाद पड़वा के दिन सुबह से ही दंगल का माहौल रहा. चोली रोड पर विक्की पाटीदार के भैंसे “घातक” और राजू पाटीदार के “दबंग 2” के बीच पहला धुरंधर मुकाबला हुआ. दोनों पाड़े करीब 15 मिनट तक भिड़े रहे. फिर दोनों को छोड़कर मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ.

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Khargone News: इंसानों के बीच कुश्ती तो आपने कई बार देखी होगी. लेकिन भैंसों के बीच दंगल का रोमांचक मुकाबला बहुत कम देखने को मिलता है. बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा खरगोन के मंडलेश्वर में देखा गया. जहां पाड़ों के बीच जमकर मुकाबला हुआ. साल में एक बार होने वाले इस मुकाबले को देखने के लिए दूर-दूर से सैकड़ों लोग आए हुए थे. कोई ऊंचे पेड़ों की टहनियों पर तो कोई घरों की छत, दीवारों, ट्रैक्टर ट्रालियों और मोटरसाइकिल पर खड़ा होकर इस दंगल का लुफ्त ले रहा था.

दरअसल, खरगोन जिले में दिवाली के बाद पड़वा के दिन हर साल पाड़ों की कुश्ती कराई जाती है. यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है. इस साल भी मंडलेश्वर में दिवाली के बाद पड़वा के दिन सुबह से ही दंगल का माहौल रहा. चोली रोड पर विक्की पाटीदार के भैंसे “घातक” और राजू पाटीदार के “दबंग 2” के बीच पहला धुरंधर मुकाबला हुआ. दोनों पाड़े करीब 15 मिनट तक भिड़े रहे. फिर दोनों को छोड़कर मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ.

कायरा और पुष्पा ने भी दिखाया कमाल 
इसके बाद दूसरा मुकाबला 10:15 बजे समराज वालों की एक छोटी जोड़ का हुआ. वहीं, तीसरा मुकाबला फिर बड़ी जोड़ के बीच 11 बजे कसरावद रोड पर नर्मदा किनारे पर हुआ. यहां सुशील कुमार वाजपाई (पंडितजी) ने अपने दोनों पाड़े “कायरा” और “पुष्पा” को मैदान में उतारा. दोनों के बीच भी कड़ी भिड़ंत हुई. लोग जमकर तालियां बजाते रहे और दंगल का आनंद लेते रहे.

कई सालों से निभाई जा रही परंपरा
राजू पाटीदार ने बताया कि मंडलेश्वर में यह परंपरा कई सालों से पड़वा के दिन निभाई जा रही है. यह कोई प्रतियोगिता नहीं होती, बस परंपरा के रूप में सभी पशुपालक अपने पाड़ों को भिड़ाते हैं. वहीं, विक्की पाटीदार ने बताया कि भैंसों को पूरे साल पौष्टिक आहार दिया जाता है. दंगल के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो.

बाजार में मिलती है अच्छी कीमत
सुशील वाजपाई (पंडितजी) ने बताया कि पड़वा के अलावा देव उठनी एकादशी पर भी दंगल होता है. यह खेल लोगों के मनोरंजन और पाड़ों की ताकत दिखाने के लिए किया जाता है. उन्होंने बताया कि कुश्ती लड़ने वाले पाड़ों की बाजार में ज्यादा कीमत मिलती है, इसलिए पशुपालक उनकी देखभाल खास तरीके से करते हैं.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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