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चीटियों को दुनिया का सबसे व्यस्त जानवर कहा जाता है क्योंकि इन्हें कभी शांत नहीं देखा गया है. यह कुछ ना कुछ काम में लगी हुई रहती है. ये अपना घर बनाने के लिए लाखों की संख्या में काम करती हैं. फिर जमीन के अंदर सुरंग और जमीन के ऊपर टीला बनाती हैं.
इंसानों को तो अपने घर बनाते हुए तो आपने अक्सर देखा होगा, लेकिन हमारे आसपास करती में मौजूद किसी भी जीवित प्राणी के लिए घर का होना बहुत आवश्यक होता है. ऐसे ही आज हम चीटियों के घर के बारे में जानेंगे कि वह अपना घर कितनी मेहनत से तैयार करते हैं.

चींटी या चीटियां घास वाली जगह या खुले मैदान में अपने लिए सेफ जगह की तलाश करती हैं, काफी शिद्दत से कड़ी मेहनत से अपने लिए घर बनाती हैं ताकि वे सर्दी गर्मी बारिश में अपना बचाव कर सकें

घर बनाने के लिए सबसे पहले जमीन के अंदर कई फीट तक खुदा करते हुए सुरंग तैयार करती हैं. और इसमें अलग-अलग कमरे नुमा जगहें तैयार करती हैं

चीटियां अपना घर तैयार करने के लिए जमीन के अंदर जितनी सुरक्षित जगह तैयार करती हैं. उतनी ही सुरक्षा जमीन के ऊपर भी करती है. इसके लिए वह मिट्टी रेत कंकर के टीले तैयार करते हैं

टीले बनाने में मिट्टी के कण, रेत के कण और घास के तिनके का सहारा लेकर बनाती है जो जमीन से चार से 6 इंच तक ऊपर एक बड़े ढेर के रूप में होते हैं. पर्याय घास की जगह हो या खुले मैदान दूर से ही साफ दिखाई देने लगते हैं.

चींटी हो चिट्टे यह रेत का टीला के बीचों बीच एक छोटा सा छेद भी बनाकर रखती हैं ताकि वह आसानी से अंदर बाहर हो सके और यह चीज सीधा जमीन के अंदर अलग-अलग सुरंग से जुड़ा हुआ रहता है.

चीटियां घर इसलिए बनती हैं ताकि जो रानी चींटी होती है और उनके जो अंडे होते हैं वह सुरक्षित रह सके रानी चींटी के ही सुरंग सबसे आखरी में और सबसे मजबूत सुरक्षित जगह होती है जहां मैं आसानी से अंडे रख लेती.

रानी चींटी के अंडे के लिए लाखों की तादाद में चीटियां काम करती हैं और बड़ी ही शिद्दत से माइक्रो कण लेकर सुरंग के अंदर जमती है ताकि उनकी सुरंग घर मजबूत हो और उतनी ही शिद्दत से बाहर टीला का ढेर लगाती है..