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Government Onion Storage Scheme: सतना जिले के किसानों के लिए खुशखबरी! अब प्याज की फसल खराब होने का डर खत्म होने वाला है. सरकार ने किसानों को प्याज भंडारण के लिए 50% सब्सिडी देने की योजना शुरू की है. इससे किसान अपने खेतों में उगाई प्याज को सुरक्षित रख सकेंगे और सही समय पर बेचकर दोगुना मुनाफा कमा पाएंगे.
सतना: किसानों को अब अपनी प्याज की फसल सड़ने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. आधुनिक प्याज भंडारण केंद्र बनवाकर किसान प्याज को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकेंगे और सीजन के बाद जब बाजार में कीमतें बढ़ेंगी तब बेहतर दाम पर प्याज बेचकर दोगुना मुनाफा कमा सकेंगे. इससे न केवल फसल की बर्बादी रुकेगी बल्कि किसानों की आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी.
लोकल 18 से बातचीत में उद्यानिकी विभाग की अधिकारी सुधा पटेल ने बताया कि सतना जिले में प्याज का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. किसानों की इस जरूरत को देखते हुए विभाग की ओर से प्याज भंडारण गृह के निर्माण पर 50% तक की सरकारी सब्सिडी दी जा रही है. यह पक्का स्ट्रक्चर 50 मीट्रिक टन क्षमता का होता है जिसमें वेंटिलेशन की आधुनिक व्यवस्था की जाती है ताकि प्याज लंबे समय तक ताजा रहे और खराब न हो.
सरकार दे रही है 1.75 लाख रुपये तक की सब्सिडी
इस योजना के तहत प्याज भंडारण गृह बनाने पर करीब साढ़े तीन लाख रुपये की लागत आती है. इसमें से 1.75 लाख रुपये सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में दिए जाते है. निर्माण पूरा होने के बाद विकासखंड के अधिकारी स्थल पर जाकर सत्यापन करते हैं और इसके बाद किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी की राशि भेज दी जाती है.
ऐसे करें आवेदन – आसान ऑनलाइन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट [mpfsts.gov.in](http://mpfsts.gov.in) पर जाकर पंजीयन कराना होगा. पंजीयन के समय किसान को अपना फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बी-1, और यदि लागू हो तो जाति प्रमाण पत्र (एससी, एसटी) अपलोड करना होता है.
कई किसान उठा चुके हैं योजना का लाभ
सतना और आसपास के कई ब्लॉकों में किसान पहले ही इस योजना का लाभ उठाकर अपने निजी प्याज भंडारण गृह बना चुके हैं. इससे उन्हें सीजनल नुकसान से राहत मिली है और प्याज को बाजार में सही समय पर बेचकर अतिरिक्त मुनाफा अर्जित किया है. यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रही है.
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह…और पढ़ें
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह… और पढ़ें