कार्बाइड गन से आंख झुलसने के केस अब हुए 36: ग्वालियर में पुलिस ने कार्बाइड गन बनाने वाले को किया गिरफ्तार – Gwalior News

कार्बाइड गन से आंख झुलसने के केस अब हुए 36:  ग्वालियर में पुलिस ने कार्बाइड गन बनाने वाले को किया गिरफ्तार – Gwalior News


कार्बाइड गन पकड़े जाने के बाद एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह बताते हुए यह कैसे खतरनाक होती है।

ग्वालियर में गुरुवार को कार्बाइड गन (देशी पटाखा गन) से आंख चोटिल होने के 17 नए केस सामने आए हैं, जबकि 19 मामले पहले ही आ चुके थे। अब तक 48 घंटे में 36 केस ग्वालियर के जेएएच, जिला अस्पताल, बिड़ला व रजन ज्योति नेत्रालय तक पहुंचे हैं। इनमें से आठ की आंख

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कार्बाइड गन बेचते पकड़ा गया शाहिद अली, इस मामले में हुई पहली FIR

ग्वालियर समेत पूरे मध्य प्रदेश में कार्बाइड गन मतलब देशी पटाखा गन से आंख चोटिल होने के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 20 के लगभग ऐसे केस हैं जिनमें एक आंख की रोशनी लगभग जा चुकी है और कॉर्निया सफेद पड़ चुका है, लेकिन आंख की रोशनी आ पाएगी या नहीं यह कहा नहीं जा सकता है।

ग्वालियर में दीपावली के बाद बुधवार को 19 ऐसे केस सामने आए थे जिनमें कार्बाइड गन चलाते समय आंख बुरी तरह झुलस गई थी। इनमें से एक केस सतेन्द्र गुर्जर निवासी गोहद हाल निवासी डीडी नगर का था, जिसकी आंख इतनी बुरी तरह जख्मी थी कि उसे भोपाल एम्स मंे भर्ती करना पड़ा है। गुरुवार को कार्बाइड गन से आंख चोटिल होने के मामलों में इजाफा हुआ है।

गुरुवार को जयारोग्य अस्पताल, जिला अस्पताल मुरार, रतन ज्योति नेत्रालय समेत अन्य अस्पताल में 17 नए केस सामने आए हैं, जिनमें कार्बाइड गन चलाते समय आंख झुलस गई है। इनमें से आठ की आंख की हालत बेहद गंभीर है। पुलिस ने कार्बाइड गन बनाने वाला किया गिरफ्तार कार्बाइड गन से आंख चोटिल होने के सैकड़ों मामले मध्य प्रदेश में आ चुके हैं, लेकिन इसमें पहला बड़ा एक्शन ग्वालियर में हुआ है। गुरुवार को कलेक्टर ग्वालियर रूचिका चौहान ने धारा 163 के आदेश जारी करते हुए कार्बाइड गन के क्रय विक्रय व उपयोग पर रोक लगाई थी। जिस पर एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने तत्काल टीम को एक्शन के लिए कहा।

इंदरगंज थाना स्थित झाडू वाला मोहल्ला में पुलिस ने एक आरोपी को कार्बाइड गन बेचते हुए पकड़ा है। पकड़े गए आरोपी की पहचान शाहिद अली निवासी झाडू वाला मोहल्ला के रूप में हुई है। पुलिस ने इंदरगंज थाना में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। गुरुवार को हुए आठ ऑपरेशन कार्बाइड गन से चोटिल हुए लोगों की संख्या निजी अस्पतालों का आंकड़ा आने के बाद अब 36 पर पहुंच गई है। बता दें कि दीपावली से अभी तक सरकारी अस्पतालों में छुट्‌टी का माहौल है, सिर्फ इमरजेंसी डिपार्टमेंट की काम कर रहे हैं। ऐसे में देशी पटाखा गन से घायल होने वाले निजी अस्पतालों में ज्यादा पहुंचे हैं। बुधवार को 19 और गुरुवार को 17 पेशेंट मिले हैं। गुरुवार को आठ की कॉर्निया का ऑपरेशन किया गया है। सात दिन के बाद ही आंखों की रोशनी कितने प्रतिशत आएगी इसके बारे में कुछ कहा जा सकता है। यह रखें सावधानी डॉ. रौनक अग्रवाल ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की आंख में इस गन के कारण चोट लगी, तो उसे आंख रगड़नी नहीं चाहिए। आंख रगड़ने से कार्बाइड के कण अंदर घुस जाते हैं, जिससे स्थायी नुकसान हो सकता है।

इसमें सबसे बड़ा खतरा कॉर्निया के क्षतिग्रस्त होने का है। कई केस में इमरजेंसी सर्जरी ही विकल्प बनती है। यदि कोई इस गन की चपेट में आए तो न हाथ लगाएं और न आंख साफ करने का प्रयास करें।



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