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Khargone Rangoli Compition: मध्य प्रदेश में खरगोन की धार्मिक नगरी मंडलेश्वर में इस साल भी 24 अक्टूबर को रंगोली बनाओ प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ. स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने के उद्देश्य से आयोजन प्रतियोगिता में 77 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, ताकि उनकी कला लोगों तक पहुंचे.
खरगोन के मंडलेश्वर में 24 अक्टूबर को हुई इस प्रतियोगिता में नगर की महिलाओं और बालिकाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. व्यापारी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नगर की प्रतीभाशाली बालिकाओं और महिलाओं ने अपनी कल्पनाशक्ति से रंगों को नई दिशा दी.

आयोजन समिति के अध्यक्ष भारत राठौड़ ने बताया कि बिंदी रंगोली, फ्री हैंड रंगोली प्रतियोगिता में कुल 77 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इनमें से 55 ने फ्री हैंड रंगोली बनाई, जबकि 22 ने बिंदी रंगोली में अपनी रचनात्मकता दिखाई. शाम 5 से 8 बजे तक नगर के वार्ड क्रमांक 2, 3, 4, 5, 6 और हताई मोहल्ला की गलियां रंगों से निखर उठीं.

धामनोद से आए निर्णायकों ने सभी स्थानों का निरीक्षण किया और परिणाम आयोजन समिति को सौंपे. विजेताओं की घोषणा 26 अक्टूबर को नर्मदा घाट पर संगीत निशा कार्यक्रम के दौरान की जाएगी. प्रथम विजेता को 5100, द्वितीय को 3100 और तृतीय को 2100 रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. वहीं, पांच प्रतिभागियों को लकी ड्रा के तहत विशेष सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे.

प्रतिभागियों की कला में इस बार परंपरा और आधुनिकता दोनों की झलक दिखी. रिद्धि जैन ने वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की जीवंत रंगोली बनाई, जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग जुटे. उनके साथ उन्होंने भगवान नरसिंह की भी दिव्य छवि उकेरी, जिसे देखकर लगा मानो भगवान स्वयं प्रकट हो गए हों.

कीर्ति जैन ने अयोध्या के श्री राम मंदिर का शानदार दृश्य दिखाया. सूर्योदय की पृष्ठभूमि के साथ यह रंगोली श्रद्धा और आस्था की मिसाल बनी. वहीं, दिव्य वर्मा ने स्वामी विवेकानंद का चित्र रंगों से उकेरा, जो युवा शक्ति और राष्ट्रप्रेम का संदेश दे रहा था.

स्वाति वर्मा ने भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप को बारीकी से दिखाया. उनके रंगों में शक्ति और सौंदर्य का सुंदर संगम दिखाई दिया. जिया पटेल ने मां तुलजा भवानी के स्वरूप को दिखाया.

वहीं, रानी अग्रवाल की रंगोली ने सभी को चौंका दिया. उन्होंने एक फुटबॉल को निहारते कुत्ते की भावनात्मक छवि बनाई, जो अकेलेपन और उम्मीद का संदेश दे रही थी. यह रंगोली देखने वालों के दिल को छू गई.

नंदिनी कुमरावत ने अपनी रंगोली से शिक्षा का महत्व बताया. उन्होंने एक बालक को नंगे बदन स्कूल बैग के साथ दिखाया और साथ लिखा – शिक्षा, खाना, उजियारा और विश्वास, यही तो है भारत की आस. उनकी रंगोली ने सामाजिक संदेश के साथ लोगों को सोचने पर मजबूर किया.

नम्रता राठौड़ ने अपनी रंगोली के जरिए ऑपरेशन सिंदूर थीम पर हिन्दू संस्कृति और “बेटी बचाओ” का संदेश दिया. वहीं रत्ना पाटीदार ने राफेल विमान के साथ देशभक्ति का रूप उकेरा.

अदिति जैन ने मां दुर्गा की दिव्य छवि बनाई, तो शुभी हैं ने बिंदी रंगोली में अपनी सटीक कला दिखाई. वहीं किरण जोशी ने निमाड़ के प्रसिद्ध व्यंजन दाल बाटी को रंगोली में सजीव रूप दिया, जो स्थानीय संस्कृति का प्रतीक बनी.

मंडलेश्वर की इन रंगोलियों ने न सिर्फ दीपावली को रंगीन बनाया, बल्कि यह भी दिखाया कि निमाड़ की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नही. बदहाल, अब परिणाम का सभी को बेसब्री से इंतजार है. 26 अक्टूबर को पहली बार संगीत कार्यक्रम के साथ नर्मदा घाट पर विजेताओं की घोषणा होगी.