कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन सोमवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को बारिश के बीच अर्घ्य दिया। छठ पूजा को लेकर रतलाम में रह रहे उत्तर भारतीय नागरिकों में उत्साह देखा गया। बारिश के बावजूद शहर क
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पूजा के लिए पहली बार शहर के हनुमान ताल पर नगर निगम द्वारा व्यवस्था की गई। शाम होते ही समाजजन परिजनों के साथ पूजा करने हनुमान ताल व झाली तालाब पर पहुंचे। विधि विधान व परंपरानुसार समाजजनों ने परिवार के साथ पूजा की। व्रतियों ने सूर्यास्त के समय पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया।
हनुमान ताल पर पूजा करते समाजजन।
इस दौरान व्रतियों ने पारंपरिक परिधान पहनकर और हाथों में फल, ठेकुआ और अन्य सामग्री लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। व्रतियों ने अपने परिवार और समाज के कल्याण की कामना की।
रतलाम में सुबह से हो रही बारिश के बावजूद समाजजनों का उत्साह कम नहीं हुआ। पूजा के समय भी बारिश होने पर छातों का सहारा लेकर पूजा-अर्चना की गई।
मान्यता है कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की समस्याओं से राहत मिलती है। सकारात्मकता आती है। यह अर्घ्य जीवन में शांति और नकारात्मकता के अंत का प्रतीक माना जाता है।

बारिश के बीच पूजा के लिए समाजजनों का उत्साह कम नहीं हुआ।
मंगलवार सुबह उगते सूर्य को देंगे देंगे
समाजजन 28 अक्टूबर मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसके साथ ही छठ पूजा पर्व का समापन होगा। हनुमान ताल व झाली तालाब पर बड़ी संख्या में समाजजन पहुंचेंगे।
महापौर समेत प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे
हनुमान ताल पर व्यवस्था देखने महापौर प्रहलाद पटेल भी पहुंचे। समाजजनों को छठ पूजा की शुभकामनाएं दी। शहर एसडीएम आर्ची हरित, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने भी हनुमान ताल व झाली तालाब पहुंच सुरक्षा व्यवस्था जांची। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा।
देखे हनुमान ताल पर पूजा की तस्वीरें…

शहर एसडीएम आर्ची हरित, तहसीलदार ऋशभ ठाकुर व्यवस्था देखते हुए।

