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छतरपुर जिले के महेंद्र जो कक्षा 8वीं तक ही पढ़े-लिखे हैं लेकिन उन्होंने एक ऐसे बिजनेस आइडिया पर काम किया जिससे उन्हें महीने की 50 हज़ार रुपए की कमाई हो जाती है. आप भी जानें इस युवा का बिजनेस आइडिया
Business Story. छतरपुर जिले के कराहरी गांव के रहने वाले महेंद्र जिनकी उम्र तो 20 साल हैं. कक्षा आठवीं तक पढ़ाई-लिखाई की है. कम पढ़े-लिखे होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी. इसके बाद उन्होंने एक बिजनेस आइडिया सोचा. आज महेंद्र घर-घर जाकर दाल बेचते हैं और अच्छी खासी कमाई करते हैं. उनका मानना है कि ये काम सबसे बढ़िया है और मुनाफे वाला है.
महेंद्र बताते हैं कि मैंने कक्षा आठवीं तक ही पढ़ाई की है. इसके बाद मैंने आगे की पढ़ाई बंद कर दी थी. मुझे घूमने-फिरने का शौक था. जिसके चलते मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता था. हालांकि, इसके बाद मेरे घर की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी तो मुझे अपने पापा के बिजनेस आइडिया का पता चला. जिसमें वह गांव-गांव जाकर घर-घर दाल और ड्राई फ्रूट्स बेचा करते थे. इसके बाद मैंने भी 2 महीने पहले ही ये काम शुरू कर दिया.
60 रुपए में खरीदा 100 रुपए में बेचा
20 वर्षीय युवा महेंद्र बताते हैं कि मेरा कराहरी गांव महोबा जिले में नजदीक है. इसलिए महोबा से ही मूंग-उड़द, अरहर, मसूर जैसी दालें खरीदता हूं. अगर मूंग दाल की बात करें तो ये दाल प्रेजेंट टाइम में 60 रुपए किलो खरीदता हूं और फुटकर भाव में 100 रुपए किलो ही बेचता हूं. छतरपुर जिले में मूंग दाल कम होती है, इसलिए यहां सबसे ज्यादा ये दाल खरीदी जाती है. हर दिन 5 से 10 गांव घूमकर दिनभर में 2 हजार रुपए कमा लेता हूं.
हर दिन इतनी कमाई
महेंद्र बताते हैं कि अगर मैं बाईक तेल खर्च काट भी लूं तो भी मुझे हर दिन कम से कम 1000 रुपए तो बच ही जाता है. यह काम मुझे बहुत आसान लगता है गाड़ी में बैठकर गांव-शहर घूमना हैं और लोग खुद ही सुनकर दाल खरीदने आ जाते हैं. जब लोग मोल-भाव बहुत करते हैं तो मैं सिर्फ 5 रुपए ही तोड़ता हूं. अगर मैं बेचने निकला तो हर दिन 1 हजार रुपए से 2 हजार रुपए की बचत तो पक्का है. मेरी मोटरसाइकिल में तेल भी कम लगता है इसलिए ज्यादा खर्च नहीं आता है.
लागत जीरो मुनाफा तगड़ा
महेंद्र बताते हैं कि इस बिजनेस में मुझे लागत न के बराबर आती है. क्योंकि मेरा सिर्फ बाईक पेट्रोल खर्च ही होता है और घूमने-फिरने में थोड़ी मेहनत लगती है लेकिन मुनाफा अच्छा खासा हो जाता है. सभी तरह की दालों में 1 किलो के भाव में ही 30 से 40 रुपए का कमा लेता हूं. हर दिन 50 किलो दाल आसानी से बेच लेता हूं. घूम-फिरकर, हंसते बतियाते हुए हर दिन ही 2 हजार रुपए छाप लेता हूं. लोग दोबारा भी मुझसे ही दाल खरीद लेते हैं. ऐसे ग्राहकों को 5 रुपए तोड़कर दाल का भाव लगा देता हूं. इसके साथ ही ड्राई फ्रूट्स भी बेचने का काम करता हूं.
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह…और पढ़ें
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह… और पढ़ें