सीधी जिले के ग्रामीण अंचलों में पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश के कारण हजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। कुकुड़ीझर सहित आसपास के कई गांवों में खेत जलमग्न हो गए हैं, जिससे किसान संकट में हैं। किसानों ने प्रशासन से शीघ्र सर्वे कराकर मुआवजे की
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गुरुवार को ग्राम कुकुड़ीझर और उसके आसपास के क्षेत्रों में धान के खेत पूरी तरह पानी में डूब गए। खेतों में पानी भर जाने से धान की बालियां काली पड़ने लगी हैं और बीज सड़ने का खतरा बढ़ गया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
ग्राम कुकुड़ीझर के किसान ज़ालिम सिंह ने बताया कि उनके पूरे गांव की फसल लगभग नष्ट हो चुकी है। उन्होंने 12 एकड़ में धान की फसल बोई थी, जो अब पूरी तरह बर्बाद हो गई है। सिंह ने प्रशासन से उचित मुआवजे की उम्मीद जताई है।
किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी फसल पर सालभर की मेहनत और पूंजी लगाई थी, जो अब व्यर्थ हो गई है। उन्होंने तहसीलदार और पटवारी से तत्काल सर्वे कराने की मांग की है, ताकि नुकसान का सही आकलन हो सके। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर सर्वे नहीं हुआ तो फसल पूरी तरह सड़ जाएगी।
इस संबंध में गोपद बनास के एसडीएम राकेश शुक्ला ने बताया कि कुछ किसानों ने फोन पर फसल नुकसान की जानकारी दी है। उन्होंने संबंधित क्षेत्र के पटवारी को मौके पर भेज दिया है। शुक्ला ने आश्वासन दिया कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
लगातार बारिश से कई इलाकों में जनजीवन भी प्रभावित हुआ है, जिससे यातायात बाधित हुआ है। किसान अब शासन-प्रशासन से जल्द राहत और मुआवजे की उम्मीद लगाए हुए हैं।


