फोन लगाकर मां से क्या कहतीं थीं जेमिमा, हरमन के आउट होते ही जागी शक्तियां

फोन लगाकर मां से क्या कहतीं थीं जेमिमा, हरमन के आउट होते ही जागी शक्तियां


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Women World Cup 2025: जेमिमा रोड्रिग्ज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 127 रन बनाकर भारत को वनडे विश्व कप फाइनल में पहुंचाया, अब फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से मुकाबला होगा.

जेमिमा ने टीम इंडिया को जीत दिलाई.

नवी मुंबई: अपने नाबाद शतक से भारत को वनडे विश्व कप फाइनल में ले जाने के बाद भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए जेमिमा रोड्रिग्ज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर के आउट होने के बाद उन्हें फिर से फोकस करने में मदद मिली.

दबाव में बेहतरीन पारी खेलते हुए जेमिमा ने 134 गेंद में नाबाद 127 रन बनाए, जिसकी मदद से भारत ने रिकॉर्ड 339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया को हराया. अब फाइनल में सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा. जेमिमा ने मीडिया से कहा:

मैं हैरी दी से कह रही थी कि हम दोनों को जीत तक ले जाना है. जब वह आउट हुई तो मुझे फिर से फोकस करने में मदद मिली क्योंकि थकान के कारण मेरी एकाग्रता टूट रही थी. हरमन के आउट होने के बाद मुझे लगा कि अतिरिक्त जिम्मेदारी से खेलना होगा. मैंने खुद से कहा कि वह आउट हो गई है तो उसके लिए मैं ही रन बनाऊंगी, मुझे टिककर खेलना है. इससे मेरा फोकस फिर बना और मैं समझदारी से खेलने लगी.

प्रेस कांफ्रेंस में बार-बार रो पड़ी जेमिमा ने कहा कि भगवान पर अटूट आस्था से उन्हें बेचैनी से उबरने में मदद मिली. उन्होंने कहा:

मैं प्रार्थना कर रही थी. मैं खुद से बात कर रही थी क्योंकि काफी ऊर्जा खत्म हो चुकी थी. मैं थक गई थी और इसकी वजह से कुछ पेचीदा शॉट खेले. मैं सोच रही थी कि कैसे खेलूं. आक्रामक रहूं या अंत तक टिकी रहूं और मैने सीखा कि अंत तक डटकर खेलना जरूरी था. मैं खुदा से बात कर रही थी क्योंकि मेरा मानना है कि मेरा उनसे निजी रिश्ता है और जब मैं खुद नहीं कर पाती तो वह मेरे लिए कर देते हैं.

इस पारी से पहले जेमिमा कठिन दौर से गुजर रही थी और टीम से बाहर भी हुई, लेकिन उसके साथी खिलाड़ी उसके साथ डटे रहे. उन्होंने कहा:

कोई अपनी कमजोरियों के बारे में बात नहीं करना चाहता. टूर्नामेंट की शुरूआत में काफी बैचेनी से गुजर रही थी. अपनी मां को फोन करके पूरा समय रोती रहती थी क्योंकि जब आप इन हालात से गुजर रहे होते हैं तो कुछ सूझ नहीं पड़ता. समझ में नहीं आता कि क्या करें. ऐसे समय में मेरे माता पिता ने मेरा खूब साथ दिया. अरूंधति रेड्डी से मैं रोज बात करती थी और उसके सामने रोती थी. स्मृति (मंधाना) ने मेरी काफी मदद की. उसे पता था कि मैं क्या महसूस कर रही हूं. कुछ नेट सत्रों में वह खड़ी रही, कुछ कहा नहीं, लेकिन उसे पता था कि उसकी मौजूदगी मेरे लिए अहम है. राधा यादव ने मेरा बहुत ख्याल रखा.

Anshul Talmale

फरवरी 2025 से नेटवर्क 18 समूह में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में एक दशक का अनुभव. बतौर रिपोर्टर कई नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के साक्षी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करियर की शुरुआत. जागरण न्यू मीडिया…और पढ़ें

फरवरी 2025 से नेटवर्क 18 समूह में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में एक दशक का अनुभव. बतौर रिपोर्टर कई नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के साक्षी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करियर की शुरुआत. जागरण न्यू मीडिया… और पढ़ें

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