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Winter Bhaji Grow Tips. अगर आप ठंड मौसम में भाजी खाने के शौकीन हैं तो हम आपको कुछ ऐसी भाजी के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप घर में ही तैयार कर सकते हैं. ये भाजी आप घर के गार्डन या छत में उगा सकते हैं.
सर्दी में आने वाली ये भाजी शरीर के लिए भी फायदेमंद होती हैं. इन भाजियों को खाने से शरीर में आयरन जैसे मिनरल भी मिलते हैं. आप घर के गार्डन या छत में नौरपा,चना, पालक,चौरई और चेच जैसी भाजी उगा सकते हैं.

छतरपुर जिले में ठंड भर चने की भाजी खूब खाई जाती है. चने की भाजी उगाने के लिए चने के बीजों को मिट्टी में 1 इंच गहरा और 4 से 6 इंच की दूरी पर लगाएं. धीरे-धीरे पौधों को इस तरह पतला करें कि उनके बीच 6 इंच की दूरी हो. साथ ही पंक्तियों के बीच 2 फीट की दूरी रखें.

चना बीज रोपण से पहले, रोपण क्यारी में कम्पोस्ट मिलाएं. हालांकि, चने को नाइट्रोजन की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन स्वस्थ विकास के लिए उन्हें मिट्टी के अन्य पोषक तत्वों जैसे फॉस्फोरस, पोटैशियम और सूक्ष्म पोषक तत्वोंके संतुलन की ज़रूरत होती है. लगभग 7 दिनों में चना के बीज अंकुरित हो जाते हैं. इसके बाद आपको चना भाजी खाने को मिल जाती है.

कई न्यूट्रिएंट्स से भरपूर पालक भी घर में उगाई जा सकती है. इसके लिए आप कम गहराई वाली टब का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर चौड़े कंटेनर खरीद सकते हैं. सबसे अच्छी बात है कि पालक तेजी से ग्रो होने वाली सब्जी है. ये भाजी बहुत जल्दी उगता है और इसे बार-बार काटा जा सकता है.

ठंड के मौसम में आप अपने घर में चौरई भाजी लगा सकते हैं. इसे ठंड मौसम में घर पर लगाना बहुत आसान है. इसलिए लोग ठंड मौसम में इसे खूब खाते हैं.

सर्दी-जुकाम जैसे वायरल फीवर से बचाने में भी यह मदद करती है. इस भाजी की तासीर गर्म होती है, इसलिए इस भाजी का उपयोग सर्दी-जुकाम को ठीक करने में किया जाता है.

छतरपुर जिले में एक और भाजी मिलती है, जिसे क्षेत्रीय भाषा में चेच भाजी के नाम से जाना जाता है. ये भाजी भी ठंड में खूब खाई जाती है. इसे घर के गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है. हालांकि, बारिश के मौसम में तो ये अपने आप ही उग आती है.

छतरपुर जिले में सर्दियों में नौरपा भाजी भी खूब खाई जाती है. इसे भी घर पर लगाना आसान होता है. यह हरे रंग और लाल रंग की भाजी होती है. हरे रंग वाली 12 महीने मिलती है और लाल रंग की ज्यादातर बारिश के मौसम में मिलती है. यह आयरन से भरपूर होती है और इसे खाने से खून की कमी दूर होती है.