देवउठनी ग्यारस पर पूआ अर्चना करते श्रद्धालु।
“उठो देव बैठो देव, अंगुरिया चटकाओ देव…” जैसे भक्ति गीतों की गूंज से शनिवार की शाम जिलेभर का वातावरण भक्तिमय हो उठा। देवउठनी ग्यारस पर्व पर श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु को शयनावस्था से जगाकर पूजा-अर्चना की। मंदिरों और घरों में हवन-पूजन, शंख, झालर और
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देवउठनी पर्व के साथ ही जिलेभर में तुलसी-शालिग्राम विवाह उत्सव का आयोजन हुआ। मंदिरों, आश्रमों और घरों में भक्तों ने विधि-विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया। इस मौके पर भक्तों ने भगवान विष्णु को रामभाजा और नई फसल के पकवान अर्पित किए।
देवग्यारस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कु ग ई।
पर्व के चलते बाजारों में भी खूब रौनक रही। नई फसल का गन्ना की पूजा भी की ग ई। गन्ने का मंडप बनाकर चौंक पर भगवान को बैठाया गया। आज के दिन गाने की जबरदस्त मांग होने के कारण ऊंचे भाव में बाजार में बेचा गया जबकि बैंगन, मूली और साग-भाजी की जबरदस्त मांग रही। श्रद्धालुओं ने नई फसल से बने व्यंजनों का भोग लगाकर रंभा झा का वितरण किया।
आस्था और परंपरा से ओतप्रोत इस पर्व ने जिलेभर में भक्ति का माहौल बना दिया, हर घर में देवउठनी ग्यारस के भजन और आरती से शाम का हर क्षण दिव्य और श्रद्धामय बन गया।