खंडवा में लंगूर ने एक दर्जन लोगों को खरोंचा: इंदौर रालामंडल की टीम ने बेहोश कर रेस्क्यू किया; लोग बोले- बच्चे की मौत से गुस्साया था – Khandwa News

खंडवा में लंगूर ने एक दर्जन लोगों को खरोंचा:  इंदौर रालामंडल की टीम ने बेहोश कर रेस्क्यू किया; लोग बोले- बच्चे की मौत से गुस्साया था – Khandwa News


रेस्क्यू के बाद बेहोशी की हालत में पिंजरे में कैद किया गया लंगूर।

खंडवा के सुलगांव में एक सिरफिरे लंगूर (बंदर) का रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू इंदौर रालामंडल की टीम ने इंजेक्शन लगाकर किया। बेहोश होने के बाद उसे जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया। लंगूर ने गांव के दर्जन भर लोगों को खरोंचा और घायल कर दिया।

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बताया गया कि लंगूर अपने एक बच्चे की मौत से गुस्साया हुआ था। गांव में जहां भी जेसीबी मशीन चलती थी, वो वहां पहुंच जाता था। मशीन चलने के दौरान वहां मौजूद मजदूर और ग्रामीणों पर हमला बोल देता था।

सुलगांव के तकवीम मलिक ने बताया कि, गांव में करीब 3-4 महीने पहले एक जेसीबी मशीन से खुदाई हो रही थी। जहां काम चल रहा था, वहां एक पेड़ था। उस पेड़ पर लंगूर और उसके बच्चे बैठे हुए थे। जेसीबी मशीन का बकेट उस पेड़ की डगाल से टकरा गया। जिससे कि पेड़ पर बैठा लंगूर का बच्चा नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई।

तब से वह लंगूर गुस्से में था। गांव में जब भी किसी के यहां जेसीबी मशीन को काम के लिए बुलाया जाता था। लंगूर वहां आकर आतंक मचाता और आसपास खड़े लोगों पर हमला बोल देता था। शनिवार को बड़ी मशक्कत के बाद उसका रेस्क्यू किया गया।

लंगूर को गन से इंजेक्शन फेंककर लगाया गया, जिससे कि वह बेहोश होकर एक छत पर जाकर गिर गया।

6 लोगों को किया था घायल सुलगांव में शुक्रवार को लंगूर ने करीब 6 लोगों को घायल किया। कुछ लोग इलाज के लिए इंदौर गए तो कुछ ने खंडवा में डॉक्टर को दिखाया। उसके हमले से लोगों में दहशत फैल गई थी। घर की छत पर खड़े एक युवक को उसने जमीन पर फेंक दिया। जिससे कि युवक के हाथ-पैर फ्रैक्चर हो गए।

रेस्क्यू के दौरान भी वह हमले के मूड में था। लेकिन वन विभाग की टीम ने गन से एक इंजेक्शन फेंककर मारा और 10 मिनट के भीतर लंगूर ढूलक गया। फिर उसे जंगल में छोड़ दिया गया।

लंगूर ने 30 अक्टूबर की शाम 4 बजे बालवीर पिता लाल सिंह को उसके घर के छत पर से धक्का देकर फेंक दिया। जिससे उसकी हाथ की हड्डी टूट गई और एक बुढ़िया मां और अन्य लोगों पर भी हमला किया।

लंगूर ने 30 अक्टूबर की शाम 4 बजे बालवीर पिता लाल सिंह को उसके घर के छत पर से धक्का देकर फेंक दिया। जिससे उसकी हाथ की हड्डी टूट गई और एक बुढ़िया मां और अन्य लोगों पर भी हमला किया।

लोग बंदर समझ रहे थे, वो लंगूर था ओंकारेश्वर रेंजर रवि सेठ ने बताया कि

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सुलगांव में वन्यप्राणी बंदर के आंतक की सूचना मिली थी। रेस्क्यू के लिए इंदौर रालामंडल से एक टीम बुलाई गई। स्थानीय फॉरेस्ट और इंदौर से आए विशेष वाहन की मदद से बंदर को देखा गया तो वह काले मुंह का लंगूर निकला। जिसे पहले बेहोश किया गया और फिर पिंजरे में कैद करके जंगल में छोड़ा है।

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