चूहा कांड के बाद एमवाय अस्पताल के पुराने PICU को सरकारी सुपर स्पेशिएलिटी में एकाध हफ्ते में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके लिए सुपर स्पेशिएलिटी में 50 बेड क्षमता का यूनिट तैयार हो रहा है।
.
इसके साथ ही एमवाय अस्पताल के पुराने यूनिट को हर स्तर से मजबूत रिपेयर करवाया जाएगा। खासकर कि चूहे कहीं से भी न घुसे। इसके लिए पूरे विभाग के वार्डों में पेस्ट कंट्रोल करवाया जाएगा। अभी यहां नवजातों के एडमिट होने के कारण पेस्ट कंट्रोल करने में परेशानी है। इस मामले में हाई कोर्ट संज्ञान ले चुका है और यही कारण है कि अब PICU की तैयारियां अंतिम दौर में है।
सुपर स्पेशिएलिटी के नए PICU में एमवायएच का पुराना स्टाफ तो रहेगा ही कुछ नए स्टाफ की भी वहां सेवाएं ली जाएगी। यह नया यूनिट सुपर स्पेशिएलिटी की दूसरी मंजिल पर बना है। यहां मच्छरों और चूहों को लेकर कोई परेशानी नहीं है। फिर भी इन पर नियंत्रण के लिए नए संसाधन लगाए जा रहे हैं।
सरकारी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में PICU का काम अंतिम दौर में।
उधर, एमवाय अस्पताल में चूहों की सक्रियता का कारण उन्हें मिलने वाला भोज्य पदार्थ है। चूहा कांड के बाद एमवाय अस्पताल परिसर से जुड़े 9 गेट बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ मुख्य सड़क के एक गेट से एंट्री दी जा रही है। वहां भी काफी कसावट है। बाहर से कोई भी खाद्य पदार्थ कोई अंदर न लाए इसे लेकर सख्ती की गई है।
दरअसल इसके पूर्व यहां सामाजिक संस्थाएं मरीजों के परिजन को नि:शुल्क भोजन वितरित करती थी। इस दौरान लोगों द्वारा जूठन छोड़ने से बाहर भी काफी चूहे हो गए थे। इसी तरह अस्पताल के अंदर भी वार्डों, गैलरी, कॉरिडोर में भोजन करते थे जिससे चूहों की संख्या बढ़ गई थी।
CM के निर्देश के बाद साफ-सफाई पर जोर दो माह से नियमित अंदर और बाहर पेस्ट कंट्रोल करने से चूहों की आवाजाही अब लगभग नहीं है। साथ ही एमजीएम से जुड़े सभी अस्पतालों में अब 15 दिन के बजाय हफ्ते में दो बास पेस्ट कंट्रोल किया जा रहा है। सभी फ्लोर और वार्डों में रोडेंट बाक्स चूहे पकड़ने के लिए लगा दिए हैं।
खुद मुख्यमंत्री ने डेढ़ माह पहले यहां आयोजित कार्यक्रम में यहां की सफाई पर जोर देते हुए कहा था कि एमवाय अस्पताल प्रदेश का गौरव है, इसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। फिर मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी एमवाय अस्पताल पहुंचे थे और डीन से बात कर परिसर की साफ-सफाई नियमित हो इसके लिए बात की थी।
अटेंडर को भोजन के लिए अलग से जगह बनाई
डॉ. अरविंद घनघोरिया (डीन) ने बताया कि सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में PICU का काम अंतिम दौर में है। एकाध हफ्ते में एमवायएच में एडमिट बच्चों को वहां शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही अब इस यूनिट से जुड़े नए मरीज (बच्चों) को सीधे वहीं एडमिट किया जाएगा। ऐसे ही एमजीएम से जुड़े आठ अस्पतालों के सुपरिटेंडेंट को आदेश दिया गया है कि वे शाम को भी दो घंटे अस्पताल में रहे और कामकाज की मॉनिटरिंग करें।
किसी मरीज को परेशानी न हो इसका ध्यान रखें। जहां तक एमवायएच से जुड़े 9 गेट बंद करने का सवाल है वहां से आम वाहन चालकों द्वारा शॉर्ट कट के नाम आवाजाही की जा रही थी। बड़े वाहन भी गुजरते थे इसलिए पूरी तरह ये गेट बंद कर दिए हैं। सिर्फ एक गेट से ही आवाजाही की गई है। अटेंडर के लिए पास ही स्थित लायंस क्लब में भोजन करने की व्यवस्था की गई है। पेस्ट कंट्रोल की मॉनिटरिंग के लिए हर फ्लोर पर अलग-अलग स्तर पर टीम बनाई गई है।