मऊगंज सिविल अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा है। जिससे पटपरा गांव निवासी शोभा सोंधिया के नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर जल्द छुट्टी देने और एम्बुलेंस चालक पर घर छोड़ने के लिए 500 रुपए मांगने के आरोप लगाए है। अब अधिकारी पूरे मामले की जा
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यह है पूरा मामला
परिजनों ने बताया कि शोभा सोंधिया को 26 अक्टूबर की रात प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 27 अक्टूबर की सुबह लगभग 7:20 बजे उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया।
पति दीपक सोंधिया ने आरोप लगाया कि डिलीवरी के कुछ ही घंटों बाद अस्पताल कर्मियों ने उन्हें घर भेज दिया। उन्होंने कहा, “स्थिति खराब होने के बावजूद हमें छुट्टी दे दी गई। एंबुलेंस चालक ने घर छोड़ने के लिए 500 रुपए मांगे, जो देने के बाद ही हमें घर लाया गया।”
घर पहुंचने पर नवजात की तबीयत बिगड़ी
दीपक सोंधिया ने बताया कि घर पहुंचने के तुरंत बाद प्रसूता और नवजात की तबीयत बिगड़ गई, जिससे नवजात की मौत हो गई। इसके बाद महिला को दोबारा अस्पताल लाया गया। परिजनों ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार निशुल्क एम्बुलेंस सेवा प्रदान करती है, तो उनसे पैसे क्यों लिए गए।
दीपक सोंधिया ने कहा कि “हम अनपढ़ लोग हैं। अस्पताल ने कहा छुट्टी हो गई तो हम चले आए। किसी ने यह नहीं बताया कि खतरा हो सकता है। अब हमारे बच्चे की जान चली गई और पत्नी की भी तबीयत बिगड़ी।”

बीएमओ बोले- टीकाकरण के बाद बिना बताए गई महिला
वहीं मामले में मऊगंज सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ. प्रद्युम्न शुक्ला ने कहा कि प्रसूता को अस्पताल से छुट्टी नहीं दी गई थी। टीकाकरण के बाद वह बिना बताए अस्पताल से चली गई थी।एंबुलेंस चालक द्वारा पैसे मांगने की शिकायत मिली है और इसकी जांच कराई जा रही है।