देवउठनी एकादशी के अवसर पर शनिवार को रायसेन शहर के मंदिरों और घरों में भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ। इस आयोजन के साथ ही सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई है।
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विवाह के लिए विशेष मंडप सजाए गए और विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया गया। घरों में लोगों ने अपने आंगन और छतों पर गन्ने के मंडप सजाकर देवताओं को जगाया। इस दौरान बच्चों ने आतिशबाजी की और महिलाओं ने सुंदर रंगोलियां बनाईं।
शहर की रामपुर कॉलोनी में तुलसी विवाह को पूर्ण करने के लिए एक घर ने वधू पक्ष की भूमिका निभाई, जबकि दूसरे घर ने भगवान शालिग्राम के लिए वर पक्ष की जिम्मेदारियां पूरी कीं। धूमधाम से बारात निकाली गई, जिसमें शामिल महिलाओं और अन्य लोगों ने उत्साहपूर्वक नृत्य किया।
एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रही। इस दौरान रवि योग (1 नवंबर सुबह 6:33 बजे से शाम 6:20 बजे तक) और ध्रुव योग (2 नवंबर रात 2:10 बजे तक) का शुभ संयोग बना। पंडितों के अनुसार, इन योगों में किए गए कार्य दीर्घकालिक और मंगलदायक फल देते हैं।
देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर और दिसंबर में कुल 17 विवाह मुहूर्त रहेंगे। नवंबर में 2, 3, 5, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30 तारीखें और दिसंबर में 4, 5, 6 तारीखें शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर पूरे क्षेत्र में शादियों की धूम रहेगी, जिसके चलते टेंट हाउस, डीजे, फोटोग्राफर और बैंड वालों की बुकिंग पहले ही पूरी हो चुकी है। मैरिज गार्डन संचालकों ने बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह की लगभग सभी तारीखें बुक हो चुकी हैं।
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