मूल रूप से किसान, आंचलिक परिवेश से जुड़े उज्जैन उत्तर विधानसभा के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा। परिवार के पहले राजनेता। मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनवाने, विराजमान करवाने के लिए विद्यालयों, मंडलों, बस्तियों, मोहल्लों में दस्तक दी। साथ ही एक ही दिन में 121 स
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उसके बाद 9-11वीं तक पढ़ाई के लिए महाराजवाड़ा स्कूल उज्जैन में दाखिला लिया। बीएससी माधव साइंस कॉलेज से की। सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय से औद्योगिक रसायन में एमएससी की। पढ़िए दैनिक भास्कर के सवालों पर अनिल जैन कालूहेड़ा के जवाब…
Q. आपकी अब तक की जीवन यात्रा का सबसे बड़ा टर्निंग पाइंट किसे मानते हैं? कोई उपलब्धि, घटना, किस्सा भी बता सकते हैं ? A. महाराजवाड़ा में पढ़ाई के बाद मैं गांव चला गया था। वहां ट्रैक्टर चला रहा था। सालिगराम तोमर, डॉ. मोहन यादव, इंदरसिंह परमार मुझे खेत से लेकर आए। विद्यार्थी परिषद के काम से सागर भेज दिया। यही मेरे जीवन का टर्निंग पाइंट था। कृष्णमुरारी गुप्ता के यहां 300 रुपए महीने पर नौकरी भी की। Q. आपकी यात्रा संघर्षों से होकर गुजरती है। परिवार कैसे इसमें सपोर्ट सिस्टम बना ?
A. परिवार राजनीति से अनभिज्ञ था। पिताजी शैतानमल जैन और माताजी शांताबाई। 6 भाई और एक बहन। कवेलू के कच्चे मकान में निवास था। पिताजी ने कहा कि उज्जैन में कुछ भी कर लेना, पर पढ़ना। आर्थिक स्थिति कमजोर थी। बड़े भाई सुभाष जैन ने हमारा ध्यान रखा। उन्होंने खेती-किसानी करके हमें हर संभव मदद की।
Q. आपके लीडरशिप के तौर-तरीके को एक लाइन में बताना चाहें तो क्या कहेंगे? A. मैं ग्रुप बाजी में विश्वास नहीं रखता। 121 स्थानों पर एक साथ कन्या पूजन करवाना आसान नहीं था। इसके लिए 5 हजार कार्यकर्ताओं का साथ और 70 हजार रहवासी सहभागी बने, तभी रिजल्ट सामने आया है। मेरी ताकत मेरा हर कार्यकर्ता है।
Q. आपकी नजर में जिला /क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या या लोगों का दर्द क्या है? आपके पास सुलझाने के लिए क्या ब्लू प्रिंट या योजना है ? A. अव्यवस्थित यातायात मेरी नजर में सबसे बड़ी समस्या है। उसके लिए मैंने मुख्यमंत्रीजी से भी चर्चा की है। मेरा विजन है कि जिन स्थानों पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है, वहां पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए जाने चाहिए। साथ ही कोई नियम तोड़े तो जुर्माना भी लगाएं।
Q. सरकारी सेवा, खासकर प्रशासन को लेकर आम धारणा है कि यहां बिना लेन-देन के कोई काम नहीं होता, इसे कैसे बदलेंगे ? A. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं। मेरी विधानसभा हो या गांव की बात। कोई भी व्यक्ति मेरे पास कोई समस्या या शिकायत लेकर आता है तो मेरा पहला दायित्व है कि मैं उसे हल करूं। फिर भी कहीं इस तरह का कोई मामला आए तो मेरा घर, दफ्तर सभी के लिए खुला है।
Q. आपके वर्तमान रोल या पद पर काम करने में रोचक बात और सबसे बड़ी चुनौती क्या है? A. पहले रोचक बात को लें तो भाग्यशाली हूं कि मेरे कॉलेज के साथी वर्तमान में मुख्यमंत्री डॉ. यादव हैं। यही कारण है कि हर तरफ विकास हो रहा है। सिंहस्थ 2028 हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उसके लिए हर वर्ग को साथ में लेकर काम करेंगे। कन्या पूजन इसका उदाहरण है। इसमें सभी को साथ लेकर काम किया है।
Q. चौड़ीकरण क्या जरूरी है, पूरा शहर खुदा पड़ा है। यह किस प्रकार का विकास है ? A. न्यूटन का थर्ड लॉ है, हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। अभी चौड़ीकरण के लिए हो रही तोड़-फोड़ से रहवासियों को तकलीफ हो रही है, उसका मुझे खेद है लेकिन दीर्घ काल में इन क्षेत्रों ही सुविधाएं बढ़ेंगी। शहर के छह मार्गों को सिंहस्थ के पहले चौड़ा किया जाएगा, जिससे बाहर से आने वाले लोगों के साथ स्थानीय को सुविधा मिल सके।