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Tamatar ki Kheti: टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल हर घर में लगभग हर डिश में 12 महीने किया जाता है. इसे चाहे तो चूल्हे की आग में भूनकर खा सकते हैं या सलाद में सब्जी में अचार में चटनी में किसी भी तरह से बेहद आसान तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं.
टमाटर की खेती भी किसानों के द्वारा 12 महीने की जाती है लेकिन नवंबर के महीने में टमाटर की खेती की तैयारी करना बेस्ट माना जाता है तो जो किसान टमाटर की खेती करते हैं या टमाटर की खेती शुरू करने जा रहे हैं उनके लिए हम एक्सपर्ट की सलाह लेकर आए हैं.

टमाटर की खेती की शुरुआत दो तरीके से कर सकते हैं. एक तो सबसे पहले नर्सरी तैयार करनी पड़ेगी इसके लिए हाइब्रिड बीज की जरूरत होगी. प्रति हेक्टेयर ढाई सौ ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है दूसरा सीधा नर्सरी से पौधा ट्रांसप्लांट कर खेत में लगा सकते हैं.

हाइब्रिड और शंकर प्रजाति के पौधे को अगर बेड बनाकर ड्रिप मल्चिंग पद्धति से खेती करें तो इससे पानी कम लगता है मेहनत कम लगती है खरपतवार काम होता है लेकिन उत्पादन बंपर मिलता है. अगर भाव अच्छा मिल गए तो चार पांच लाख तक का मुनाफा किसान कमा सकते हैं.

टमाटर को अगर नवंबर के शुरुआती दिनों में लगा दिया जाए तो यह जनवरी के पहले सप्ताह में ही फल देने लगेंगे और इस समय टमाटर के भाव अच्छे चलते हैं जिसका किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.

अगर किसान के मुताबिक टमाटर के भाव ठीक नहीं है तो वह इसकी प्रोसेसिंग कर सकता है यहां से ड्राई करके रख ले और फिर इनको बड़े शहरों में आसानी से भेजा जा सकता है चाहे तो टमाटर से सीधा केचप भी बन सकता है जिसके अच्छे दाम मिल सकते हैं.

1 एकड़ टमाटर के प्लॉट से किसान भाई 300 क्विंटल तक का उत्पादन ले सकते हैं 60 दिन में हार्वेस्टिंग शुरू होने के बाद यह फसल अगले 4 महीने तक नियमित रूप से उत्पादन देती रहती है continue इनकम होती रहती है.

जो किसान टमाटर की खेती शुरू करना चाह रही है और उनके पास लागत कम है तो ड्रिप और मल्चिंग के लिए हॉर्टिकल्चर विभाग से 50% का अनुदान भी मिलता है जिसके लिए उन्हें एमपीएफएसटी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन का योजना का चयन करना होगा.

टमाटर की खेती कोई किसान शुरू करना चाहता है तो उनके लिए हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट से आर्थिक मदद मिलने के साथ तकनीकी एक्सपर्ट की सलाह और मार्गदर्शन भी मिलता है