नई दिल्ली. वो जब मैदान पर उतरीं, तो हवा में कुछ अलग ही रफ़्तार थी. चेहरे पर आत्मविश्वास, आंखों में ठहराव और कदमों में तूफ़ान ये कोई साधारण क्रिकेटर नहीं थी, ये थी भारत की ऑलराउंड क्वीन, दीप्ति शर्मा, जिन्होंने वर्ल्ड कप के हर पल को अपनी कहानी में तब्दील कर दिया. गेंद से जादू, बल्ले से बिजली, और मैदान पर ऐसा जोश कि विपक्षी टीमों की योजनाएं पल भर में धूल हो गईं.
भारत की महिला क्रिकेट टीम की विश्व कप में खिताबी जीत की नायिकाओं में से एक दीप्ति शर्मा ने कहा कि अपनी धरती पर आईसीसी विश्व खिताब जीतना टीम की नियति में था. दीप्ति ने फाइनल में पांच विकेट लेने के साथ 58 रन भी बनाये . उन्होंने 22 विकेट लेने के साथ 215 रन बनाकर ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट’ का पुरस्कार जीता.
दीप्ति का दावा
दीप्ति ने पीटीआई वीडियो से कहा ,‘‘ मुझे अच्छा लग रहा है. विश्व कप में पहले मैच से लेकर मैने वैसा ही प्रदर्शन किया जो एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर करना चाहती थी. फाइनल में ऐसा प्रदर्शन करने से बढकर कुछ नहीं हो सकता. विश्व खिताब के लिये लंबे इंतजार को लेकर उन्होंने कहा , विश्व कप जीतने में काफी समय लगा लेकिन ईश्वर ने हमारी नियति में लिखा था कि हम भारत में ही यह खिताब जीतेंगे. उन्होंने कहा ,‘‘ डी वाई पाटिल स्टेडियम की मेरी कई सुखद यादें हैं हमने यहां सारी श्रृंखलायें जीती है एक टीम के रूप में हम काफी सकारात्मक रहे नतीजा चाहे जो हो, हम एक टीम की तरह खेले. दीप्ति ने कहा ,‘‘ हम यह खिताब जीतना चाहते थे क्योंकि यह टूर्नामेंट भारत में हो रहा था . हर गेंद पर लग रहा था कि यह मैच जल्दी खत्म होगा और हम जीतेंगे अब वह इंतजार खत्म हो गया.
स्टार बन चुकी है शर्मा जी की बेटी
यह जीत महज़ एक टूर्नामेंट की नहीं थी, यह जीत थी उस मेहनत की, जो सुबह-सुबह नेट्स पर पसीने से भीगती रही, उस विश्वास की जो हर नाकामी के बाद और मजबूत होती गई और उस नियति की, जिसे दीप्ति ने अपने दमख़म से खुद लिखा. जब उन्होंने ट्रॉफी उठाई, तो लगा जैसे पूरा भारत झूम उठा आगरा की गलियों से लेकर मुंबई के मैदान तक गूंजा एक ही नाम दीप्ति शर्मा जिसने साबित किया कि असली चैंपियन वो नहीं, जो मौके की तलाश करे, बल्कि वो जो मौके को अपनी पहचान बना दे.