देर से सरसों बोई तो खाली रह जाएंगे हाथ! नवंबर के पहले हफ्ते में करें ये काम, फसल देख खिल उठेंगे किसान

देर से सरसों बोई तो खाली रह जाएंगे हाथ! नवंबर के पहले हफ्ते में करें ये काम, फसल देख खिल उठेंगे किसान


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Mustard Farming Tips: रबी सीजन में सरसों की खेती किसानों के लिए सुनहरा मौका लेकर आती है, लेकिन इसकी शुरुआत समय पर होना बेहद जरूरी है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर के पहले हफ्ते तक बोनी कर लेने से फसल बेहतर होती है क्युकी देर से बुवाई करने पर कीट व्याधि फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

Agri Tips: सर्दी का मौसम दस्तक दे चुका है. किसानों के लिए अब रबी फसलों की तैयारी का समय है. सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए नवंबर बेहद अहम माना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार जो किसान इस अवधि में बुवाई करते हैं, उन्हें बेहतर उत्पादन और रोगों से कम नुकसान देखने को मिलता है. वहीं, जैसे-जैसे बुवाई में देरी होती है कीट का प्रकोप बढ़ने लगता है.

इसलिए समय पर बुवाई जरूरी
लोकल 18 से बातचीत में सहायक संचालक कृषि राम सिंह बागरी ने बताया कि किसानों को नवंबर के पहले सप्ताह तक सरसों की बुवाई कर लेनी चाहिए. देर से बुवाई करने पर माहो कीट का प्रकोप बढ़ सकता है जो पौधों की बढ़वार और फूल आने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है. माहो कीट फसल की पत्तियों और फूलों से रस चूसकर उत्पादन घटा देता है.

ऐसे बढ़ेगा तेल और प्रोटीन स्तर
विशेषज्ञों का कहना, सरसों जैसी दलहन फसलों में सल्फर की मात्रा अत्यधिक उपयोगी होती है. किसानों को एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) और 20.20.0.13 जैसे सल्फर युक्त उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा सल्फर 90% WDG, थायोयूरिया और थायोग्लाइकोलिक एसिड का प्रयोग फसल में तेल की मात्रा और प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाने में मदद करता है. ये तत्व पौधों के एंजाइम को सक्रिय करते हैं और रोगों से बचाव में सहायक होते हैं.

नमी और रोग नियंत्रण पर रखें ध्यान
सरसों की फसल में अत्यधिक नमी होने से फंगल रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचाव के लिए किसानों को बीज उपचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए. बरसात भी हो चुकी है. मौसम में नमी है, इसलिए बीज उपचार के लिए सर्वांगीण कवकनाशी कार्बेन्डाजिम का इस्तेमाल करे. यह पौधों के भीतर प्रवेश करता है और फफूंद रोधी सुरक्षा प्रदान करता है. नियमित निरीक्षण करना चाहिए. फसल की वृद्धि के लगभग एक महीने बाद सिंचाई और यूरिया का छिड़काव करना भी आवश्यक है.

फासल से बढ़ेगा उत्पादन
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे सरसों की बुवाई 45 सेंटीमीटर की दूरी पर करें. इससे फसल को पर्याप्त हवा और धूप मिलेगी पौधों की जड़ें मजबूत होंगी और उत्पादन भी बेहतर होगा. अगर किसान समय पर बुवाई सही उर्वरक और नियमित देखभाल पर ध्यान दें तो इस बार की सरसों की फसल रिकॉर्ड उत्पादन दे सकती है और किसानों के लिए यह सीजन लाभदायक साबित हो सकता है.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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