बैतूल के आमला में एक नाबालिग छात्र के अपहरण की झूठी कहानी का खुलासा हुआ है। रेलवे मॉल गोदाम के पास हाथ बंधे और मुंह में कपड़ा ठूंसे मिले छात्र को देखकर पहले सनसनी फैल गई थी। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि नौवीं कक्षा के छात्र ने घर की डांट से ब
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जीआरपी थाना प्रभारी प्रमोद पाटिल के अनुसार, अमृत भारत स्टेशन के निर्माण कार्य में लगी एक महिला ने एक वेंडर को प्लेटफॉर्म नंबर 5 के पास मॉल गोदाम की ओर एक 13-14 साल के लड़के के पड़े होने की सूचना दी थी। लड़के के हाथ कपड़े से बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था।
सूचना मिलते ही जीआरपी और आमला पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस बल बच्चे को थाने ले आया, जहां आमला थाना प्रभारी राजेश सातनकर को भी जांच के लिए बुलाया गया। शुरुआती जांच में ही पुलिस को मामले में कुछ गड़बड़ लगी।
जांच में पता चला कि यह पूरा मामला एक नाटक था। छात्र के पिता का निधन हो चुका है और वह नौवीं कक्षा में पढ़ता है। स्कूल से मिली जानकारी के मुताबिक, वह पिछले 20 दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था। संभवतः मां को इस बात का पता चल गया था, जिससे डांट से बचने के लिए उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ ली।
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस नाटक में किसी और की भूमिका थी, क्योंकि अकेले बच्चे के लिए अपने हाथ बांधना मुश्किल माना जा रहा है। मामले का खुलासा होने के बाद जीआरपी और स्थानीय पुलिस ने राहत की सांस ली। पुलिस ने बच्चे को उसके परिजनों को सौंप दिया है।