बिहार की तर्ज पर वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) आज से मध्यप्रदेश में शुरू होगा। चुनाव आयोग के निर्देश पर एमपी के सभी 65 हजार बीएलओ को ट्रेनिंग देने का काम पूरा हो गया है और अब मंगलवार से बीएलओ घर-घर जाकर आयोग द्वारा जारी फाॅर्म देंगे और व
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चुनाव आयोग के निर्देश के बाद एमपी में 27 अक्टूबर से मतदाता सूची फ्रीज की जा चुकी है। साथ ही कलेक्टरों और संभागायुक्तों व सुपरवाईजर, बीएलओ को इसके लिए ट्रेनिंग देने और चुनाव आयोग की गाइडलाइन बताने का काम पूरा हो गया है। इसके बाद अब बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर फाॅर्म बांटेंगे। यह फाॅर्म आधा भरा और आधा खाली होगा जिसमें रिक्त जानकारी मतदाता को भरनी होगी। बीएलओ एक घर तीन बार जाएंगे। जो मतदाता संदिग्ध होंगे, उनसे दस्तावेज मांगे जाएंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने कलेक्टरों से कहा है कि वोटर वेरिफिकेशन का काम गंभीरता से कराएं और खुद भी चेक करते रहें।

घर-घर सर्वेक्षण के दौरान बीएलओ दस्तावेज नहीं लेंगे, विवाहित महिलाओं को मायके से मंगानी होगी डिटेल
इस व्यवस्था के अंतर्गत वर्ष 2003 में जिन महिलाओं की उम्र 18 साल नहीं थी और एक जनवरी 2003 को जारी एसआईआर के दौरान जो महिलाएं विवाहित नहीं थीं। ऐसी महिलाओं को अब खुद को वोटर साबित करने के लिए मायके से अपना मतदाता क्रमांक और मतदान केंद्र क्रमांक मंगवाना होगा। सीईओ एमपी इलेक्शन ने कहा है कि घर-घर सर्वेक्षण के दौरान बीएलओ कोई भी दस्तावेज़ एकत्र नहीं करेगा।
ऐसे होगा एसआईआर का काम चुनाव आयोग ने वर्ष 2002 से 2008 के बीच देश के सभी राज्यों की एसआईआर कराई है। इसका डेटा चुनाव आयोग की वेबसाइट के अलावा एमपी सीईओ की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें वोटर पूरी जानकारी भरकर एमपी में हुई 2003 की एसआईआर के आधार पर अपना मतदाता क्रमांक, मतदान केंद्र क्रमांक और अन्य जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह जानकारी उन्हें बीएलओ द्वारा दिए गए फाॅर्म में भरकर देना होगी।

नए वोटर्स के लिए फॉर्म 6 भरने को देंगे बीएलओ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने कहा है कि जिन परिवारों में कोई नया सदस्य 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए बीएलओ द्वारा फॉर्म 6 उपलब्ध कराया जाएगा। यदि किसी परिवार सदस्य का निधन हो गया हो या वह अन्यत्र स्थानांतरित हो गया हो, तो उसकी जानकारी भी बीएलओ को दें ताकि सूची से नाम विलोपित किया जा सके। झा ने कहा कि घर-घर सर्वेक्षण के दौरान बीएलओ कोई भी दस्तावेज़ एकत्र नहीं करेगा। दस्तावेज केवल तभी आवश्यक होंगे जब किसी एंट्री का सत्यापन पूर्ववर्ती रिकॉर्ड से मेल न खाए। ऐसी स्थिति में संबंधित निर्वाचन रजिस्ट्री अधिकारी (ERO) अलग से सूचना देकर आवश्यक दस्तावेज़ मांगेगा। बीएलओ आयोग द्वारा अधिकृत पहचान पत्र लेकर आएंगे, नागरिक उनसे पहचान पत्र देखकर जानकारी साझा करें।
मतदाता ऐसे तलाश सकेंगे अपना नाम
- एसआईआर 2003 में वोटर अपना नाम तलाशने के लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in/ ओपन करेंगे।
- इसे ओपन करने पर वोटर को जिस राज्य में 2003 में वोटिंग की है या वोटर के माता पिता, परिजन ने वोट डाला है, उस राज्य पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद राज्य और संबंधित जिला तथा विधानसभा क्षेत्र पर क्लिक करना होगा।
- वोटर या उसके परिजन ने विधानसभा क्षेत्र में जिस गांव, वार्ड के मतदान केंद्र में वोट डाला है, उसे ध्यान कर संबंधित मतदान केंद्र स्थल का नाम तलाशना पड़ेगा।
- अगर 2003 में निवास वाले मोहल्ले में आबादी ज्यादा न हो तो आसानी से एक ही क्लिक में संबंधित मतदान केंद्र की वोटर सूची आ जाएगी जिसमें मतदाता क्रमांक और मतदान केंद्र की जानकारी निकालकर उसे बीएलओ द्वारा दिए गए फाॅर्म में भरना होगा।
- अगर कोई अपनी जानकारी नहीं दे पाता है तो उसे फाॅर्म में बताए गए 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज देना होगा जिसके आधार पर बीएलओ उस मतदाता को वेरिफाई करेगा।

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1. एसआईआर के लिए कांग्रेस ने बनाई कमेटी

एमपी में शुरू हुई एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की कार्यवाही की मॉनिटरिंग के लिए कांग्रेस अलर्ट है। बिहार में मतदाता सूची के लिए हुए एसआईआर पर चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा चुकी कांग्रेस ने अब एमपी में आयोग की पूरी कार्यवाही का मॉनिटरिंग के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। पूरी खबर पढ़ें
2. मध्यप्रदेश में हर वोटर का वेरिफिकेशन होगा

मध्यप्रदेश में बिहार की तरह वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) किया जाएगा। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसकी घोषणा कर दी है। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के हर बूथ की वोटर लिस्ट की गहनता से जांच की जाएगी। हर वोटर को फिर से वेरिफाई किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें