जबलपुर में स्वामी नारायण संस्थान का जीवन उत्कर्ष महोत्सव का मंगलवार को दूसरा दिन रहा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कलाकार दिलीप जोशी शामिल हुए।
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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वामी नारायण संस्थान के साथ एक एमओयू किया। एमओयू के अनुसार मप्र में उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा में नई शुरुआत हो रही है। जबलपुर के 10 शासकीय स्कूलों में ‘चलो बनें आदर्श’ कोर्स की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में IPDC कोर्स की शुरुआत होगी। जबलपुर के बाद पूरे प्रदेश के स्कूलों,कॉलेजों में यह कोर्स लागू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने मंच से ही एमओयू की प्रति दिखाई।
स्वामी नारायण संस्थान का प्रकल्प चलो बने आदर्श प्राइमरी स्कूल के लिए शुरू किया जा रहा वीडियो से किया गया। युवाओं को भारतीय सनातन मूल्यों से जोड़ना भी एक विषय के रूप में शुरू होगा। आईपीडीसी 4 राज्य 30 यूनिवर्सिटी और 600 कॉलेज में संचालित 2 लाख बच्चे लाभ ले रहे हैं। मध्यप्रदेश में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और मंगलायन यूनिवर्सिटी से होगी। शुरुआत एमओयू दोनों यूनिवर्सिटी के वीसी ने साइन किया।
संस्कार से ही जीवन में आता है बदलाव

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संस्कार से ही जीवन में बदलाव आता है। हमारी सनातन संस्कृति अद्भुत है। भारत को सदैव विश्व गुरू के रूप में दुनिया देखती आई है। भारत में ही अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने की समस्त संभावनाएं निहित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीएपीएस संस्था के वैश्विक प्रयासों की सराह करते हुए कहा कि अबूधाबी में बना भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर अद्भुत है। उनके प्रमुख महंत का जबलपुर का होना हम सभी प्रदेशवासियों के लिये गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामीनारायण संस्था दुनिया को पहचानने और स्वयं को जानने के लिए आम व्यक्ति का प्रशंसनीय मार्गदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीएपीएस का “परिवर्तन की यात्रा” का मध्यप्रदेश से शुभारंभ करने के लिए संस्था का अभिनंदन करते हुए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि संस्कारधानी जबलपुर को ईश्वर और मां नर्मदा ने परम सौभाग्य दिया है, जिसकी बदौलत आज संस्था के द्वारा महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत यहां से की जा रही है।
यहां आने से केवल एक दैवीय आशीर्वाद ही नहीं मिलता, बल्कि यहां से जाने वाले जन्म-जन्मांतर तक महंत स्वामियों से भी दुनिया भर के संतों का आशीर्वाद मिलता है। यहां के वातावरण में एक ऐसी ऊर्जा है जो हमें निरंतर प्रेरित करती है। साथ ही कहा कि आजादी के अमृत काल में हमें वही आत्मविश्वास मिला है जो आत्मबल हमारे भीतर भगवान ने रखा था, वही अब पुनः प्रकट हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आध्यात्म, संस्कृति, शांति की वजह से ही दुनिया के लिए भारत आकर्षण का केंद्र है। भगवान राम को गुरू ने सर्व गुण सम्पन्न बनाया। यह परंपरा भारत में सदियों से है। ईश्वर ने सभी नगरों में सबसे ज्यादा भाग्य जबलपुर को दिया है। मां नर्मदा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात को समृद्ध करती है लेकिन यहां ऐसी कृपा की की काले पत्थर पर धार गिरकर संगमरमर हो जाता है। अबू धाबी में जाकर पता लगा यहां जन्मे संत पूरी दुनिया को दिशा देते हैं।

जबलपुर में स्थित स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन करने के लिए पहंचे सीएम मोहन यादव।
दिल्ली 1947 में आजाद हुई हजारो साल की गुलामी के बाद कितनी ही पीड़ा झेली, देखने को कुतुब मीनार, अंग्रेजों के जमाने के महल लेकिन मन मसोस कर रह जाते थे, यमुना के किनारे बने अक्षरधाम नेे पूरी संस्कृति की पहचान करा दी। सोये हुए को जगाने का काम स्वामी नारायण संस्थान कर रहा है। सीएम ने संत ईश्वर चरण स्वामी, आनंद स्वरूप स्वामी, ज्ञानेश्वर स्वामी, ब्रम्ह बिहारी स्वामी का श्रीफल से स्वागत किया। इस मौके पर स्वामी नारायण संस्था के प्रमुख स्वामी ईश्वर चरण, मंत्री राकेश सिंह व टीवी एक्टर दिलीप जोशी मौजूद रहे।
बीएपीएस संस्था के वरिष्ठ संत पूज्य ज्ञानानंद स्वरूप स्वामी जी ने प्रकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि ‘चलो बनें आदर्श’ प्रकल्प वीडियो के माध्यम से प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों में बचपन से ही जीवन मूल्यों की सुदृढ़ आधारशिला रखता है। यह प्रोजेक्ट पहले से ही गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों की 23 हजार शालाओं में सफलतापूर्वक चल रहा है, जिसका लाभ 45 लाख से अधिक विद्यार्थी ले रहे हैं।