Baikunth Chaturdashi: महादेव ने भगवान विष्णु को सौंपा सृष्टि का भार, उज्जैन में दिखा अनोखा हरि-हर मिलन

Baikunth Chaturdashi: महादेव ने भगवान विष्णु को सौंपा सृष्टि का भार, उज्जैन में दिखा अनोखा हरि-हर मिलन


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Baikunth Chaturdashi Ujjain: उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी पर सृष्टि की सत्ता हस्तांतरण का अद्भुत नजारा दिखा. रात करीब 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली गयी, जो गोपाल मंदिर पहुंची. यहा भगवान गोपाल की तुलसी की माला महाकाल को पहनाई गयी.

Ujjain News: बाबा महाकाल की नगरी में सोमवार रात को सुंदर नजारा देखने को मिला. हजारों श्रद्धालु इस नजारे के साक्षी बने. उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी पर सृष्टि की सत्ता हस्तांतरण का अद्भुत नजारा दिखा. रात करीब 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली गयी, जो गोपाल मंदिर पहुंची. यहां भगवान महाकाल ने सृष्टि का भार भगवान विष्णु को सौंपा.

यह परंपरा हरि-हर की माला बदलकर निभाई गई. इसे हरि-हर मिलन भी कहते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु राजा बलि के यहां पाताल लोक में विश्राम करने जाते हैं. इसलिए चार महीने तक संपूर्ण सृष्टि के पालन का भार भगवान शिव के पास होता है.

जानें हरि-हर मिलन परंपरा
गोपाल मंदिर के पुजारी मधुर शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी भगवान विष्णु (हरि) और शिवजी (हर) के मिलन का प्रतीक है. महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप से रात 11 बजे निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी, महाकाल चौराहा, गुदरी बाजार, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची. सवारी में ढोल-नगाड़ों के साथ आतिशबाजी की गयी.कई जगह स्वागत हुआ. गोपाल मंदिर पहुंचने पर सवारी मंदिर के अंदर लाई गयी. यहां भगवान शिव, विष्णु जी के सामने आसीन हुए.

फिर महादेव गए तपस्या में
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर पद्धति से द्वारिकाधीश का पूजन किया. शिवजी के प्रिय बिल्वपत्र और आंकड़े की माला भगवान विष्णु को अर्पित करी. इसके बाद भगवान महाकाल का पूजन कर उन्हें विष्णु जी की प्रिय तुलसीदल की माला अर्पित करी. दोनों की प्रिय वस्तुओं का एक-दूसरे को भोग लगाया जाता है. इसके बाद भगवान शिव चार महीने के लिए हिमालय पर्वत पर तपस्या करने चले जाते हैं. यह परंपरा वैष्णव व शैव के समन्वय व सौहार्द का प्रतीक है.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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