मध्य प्रदेश के छोटे से शहर खंडवा के संतवानी परिवार ने आज एक ऐसी मिसाल कायम की है, जिसकी गूँज पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही है. यह परिवार अब सिर्फ एक साधारण परिवार नहीं रहा, बल्कि मेहनत, अनुशासन और पारिवारिक सहयोग का प्रतीक बन गया है. इस परिवार में अब एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं!
हाल ही में, परिवार के छोटे बेटे मोनेश संतवानी ने 2025 की सीए परीक्षा पास कर अपने परिवार और पूरे शहर का नाम गर्व से रोशन कर दिया. जब रिजल्ट आया और मोनेश ने पास लिस्ट में अपना नाम देखा, तो वह पल उनके जीवन का सबसे यादगार पल बन गया. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “हर सीए छात्र का सपना होता है कि वह परीक्षा पास करे और परिवार को गर्व का एहसास कराए, आज वही सपना पूरा हुआ है.”
मेंटरशिप जो घर में मिली भईया और भाभी का साथ
मोनेश की इस शानदार सफलता में उनके परिवार का योगदान अतुलनीय रहा है. उनके बड़े भाई लोकेश संतवानी और भाभी पूजा संतवानी पहले से ही सीए हैं. मोनेश की पढ़ाई के पूरे सफर में इन दोनों का मार्गदर्शन एक अहम भूमिका निभाता रहा.
मोनेश कहते हैं कि जब घर में ही दो अनुभवी मेंटर हों, तो सफर आसान हो जाता है. जहाँ भी मैं अटकता था, चाहे वह अकाउंट्स हो या टैक्स, भईया-भाभी ने तुरंत हाथ थामा. अब इस घर में तीन-तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं जो किसी भी उपलब्धि से कम नहीं है. यह न सिर्फ परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि खंडवा शहर के युवाओं के लिए भी यह एक प्रेरणा बन गई है कि सपनों को मेहनत और सही मार्गदर्शन से पूरा किया जा सकता है.
6 साल का संघर्ष और पापा की ‘आज़ादी’
मोनेश ने बताया कि उन्हें इस प्रतिष्ठित मुकाम तक पहुँचने में करीब छह से साढ़े छह साल का लंबा समय लगा. उनके पिता ग्रॉसरी की दुकान चलाते हैं और माता गृहिणी हैं. मोनेश कहते हैं, “पापा-मम्मी का सपोर्ट मेरे लिए सबसे बड़ा संबल था.”
हमारे सिंधी परिवार में अक्सर बच्चों पर बिजनेस करने का दबाव होता है, लेकिन पापा ने कभी ऐसा नहीं किया. उन्होंने हमेशा मुझे मेरे सपनों की तरफ बढ़ने की आज़ादी दी.” यह दिखाता है कि माता-पिता का विश्वास और बच्चों को उनके रास्ते पर चलने की आज़ादी देना ही सफलता की नींव रखता है.
युवाओं को संदेश
सीए की परीक्षा को अक्सर देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है, लेकिन मोनेश इस धारणा को तोड़ते हैं. उनका सीधा संदेश है टफ वही चीज़ होती है जिसके लिए हम मेहनत नहीं करते.
वो युवाओं को सलाह देते हैं कि सीए बनने के लिए रोज़ 14-15 घंटे पढ़ने की ज़रूरत नहीं है. उनकी सफलता की असली कुंजी (Real Key) है ‘नियमितता’ (Consistency). मोनेश कहते हैं, “आप एक दिन 14 घंटे और अगले दिन 2 घंटे पढ़ते हैं, इससे सफलता नहीं मिलती. रोज़ाना 8 से 9 घंटे लगन से पढ़िए, तो निश्चित ही सीए बन सकते हैं.”
परिवार का भविष्य, शहर का गौरव
आज जब मोनेश अपने माता-पिता की आँखों में गर्व की चमक देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि उनकी सारी मेहनत सफल हो गई. अब यह परिवार एक ही फर्म में साथ मिलकर काम कर रहा है. मोनेश कहते हैं कि हमारे पास अब एक ही छत के नीचे मल्टीपल एक्सपर्टीज है. इससे हमारा एक्सपोजर भी बढ़ा है और आत्मविश्वास भी.