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मध्य प्रदेश के विकसित शहरों की बात की जाए तो इंदौर और उज्जैन का नाम तो हर किसी की जुबां पर होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एमपी में ऐसे और भी शहर हैं जो सुविधाओं, शिक्षा, उद्योग और जीवन स्तर के मामले में काफी आगे हैं? आइए जानते है मप्र के टॉप 10 विकसित जिले.
एमपी के सबसे विकसित जिलों में पहले नंबर पर है इंदौर, जिसे “मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी” कहा जाता है. स्वच्छता में लगातार आठ बार देश में पहला स्थान पाने वाले इंदौर में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी पार्क, एमआईसीएल जैसे इंडस्ट्रियल हब और बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम है. यहां की जीवनशैली, रोजगार और शिक्षा के अवसर इसे देश के टॉप सिटीज में शुमार करते हैं.

राजधानी भोपाल दूसरे स्थान पर आता है. इसे “झीलों का शहर” कहा जाता है क्योंकि यहां की बड़ी-बड़ी झीलें शहर की खूबसूरती बढ़ाती हैं. भोपाल को अपनी ऐतिहासिक इमारतों, सांस्कृतिक विरासत, और आधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है. यहां एम्स, माखनलाल यूनिवर्सिटी और ISRO सेंटर जैसी संस्थाएं भी हैं, जो इसे बौद्धिक और तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाती हैं.

तीसरे नंबर पर है जबलपुर, जिसे “घाटों की नगरी” कहा जाता है. यह शहर नर्मदा नदी के सुंदर घाटों, भेड़ाघाट के संगमरमर चट्टानों और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है. जबलपुर को एमपी का सबसे शिक्षित शहर माना जाता है. यहां रक्षा से लेकर न्यायपालिका तक कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं, जो इसकी पहचान को और मजबूत बनाते हैं.

ग्वालियर चौथे नंबर पर है. यह शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और संगीत की परंपरा के लिए जाना जाता है. ग्वालियर किला, तानसेन का मकबरा और जयविलास पैलेस इसकी पहचान हैं. यहां शिक्षा और उद्योग दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे यह प्रदेश के सबसे विकसित शहरों में शामिल है.

पांचवें स्थान पर है उज्जैन, जिसे “महाकाल की नगरी” कहा जाता है. यह शहर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. हर 12 साल में यहां होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. उज्जैन धार्मिक महत्व के साथ-साथ आधुनिक विकास की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है.

एमपी के केंद्र में स्थित सागर को “मध्य प्रदेश का दिल” कहा जाता है. यह शहर शिक्षा, चिकित्सा और रक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है. बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रमुख शहर सागर स्वच्छता और जल प्रबंधन में भी मिसाल बन चुका है.

सातवें नंबर पर है सतना, जिसे सीमेंट उद्योग की राजधानी कहा जाता है. यहां बीरला ग्रुप जैसे बड़े औद्योगिक संयंत्र हैं, जो हजारों लोगों को रोजगार देते हैं. इसके साथ ही सतना का जुड़ाव पर्यटन स्थल चित्रकूट से भी है, जिससे यह धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण बनता है.

आठवें स्थान पर है खरगोन, जो अपनी कपास और मिर्च उत्पादन के लिए पूरे देश में मशहूर है. यहां का कृषि-आधारित उद्योग, कपास मंडियां और फल-सब्जी व्यापार इसे उभरता हुआ वाणिज्यिक शहर बनाते हैं. साथ ही खरगोन में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है.

नौवें स्थान पर स्थित धार शहर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. राजा भोज की नगरी के रूप में प्रसिद्ध धार कभी मालवा साम्राज्य की राजधानी थी. यहां पुरातात्विक धरोहरों के साथ-साथ आधुनिक शैक्षणिक संस्थान भी तेजी से विकसित हो रहे हैं.

टॉप 10 लिस्ट में दसवें स्थान पर है खंडवा. यह शहर भगवान ओंकारेश्वर के पवित्र ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है. नर्मदा किनारे स्थित यह जगह न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. यहां पावर स्टेशन और बांध परियोजनाएं भी विकास की दिशा में योगदान दे रही हैं.