गुरु नानकदेवजी का 556वां प्रकाश पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। इसके लिए गुरुद्वारों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया है। प्रकाश पर्व से पहले मंगलवार को 51 साल पुराना श्री गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा आकर्षक रोशनी से जगमगा उठा।
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ज्ञानी जसवीर सिंघ राणा ने बताया शहर में पहला गुरुद्वारा 1955 में बनाया था। इसके बाद 1967 में गुरुद्वारे के लिए जमीन खरीदी गई।
1974 में श्री गुरु सिंघ सभा गुरुद्वारे का निर्माण किया। विशेष बात यह है कि गुरुद्वारे का हॉल जो 70 बॉय 80 का बना है। इस गुरुद्वारे का संचालन श्री गुरुसिंघ सभा द्वारा किया जा रहा है। 1920 में सिंघ सभा की लहर चली थी।
इसी संस्था ने अंग्रेजों के समय गुरुद्वारों को महंतों से आजाद कराकर फिर गुरु की मर्यादा को स्थापित किया है। सभी को एक करने के लिए ही श्री गुरुसिंघ सभा की स्थापना की गई थी।