वंशिका ने श्री रामचरितमानस को अपने जीवन में धारण करने और उसके अनुसार जीने का भी संकल्प लिया है।
धार की रुखसार ने सनातन धर्म में अपनी गहरी आस्था के चलते अपना नाम बदलकर वंशिका रख लिया है। उन्होंने मंगलवार को खंडवा के उंडेल गांव निवासी विशाल राजपूत से महादेवगढ़ मंदिर में वैदिक रीति-रिवाज से विवाह कर लिया है। वंशिका ने श्री रामचरितमानस को अपने जीवन
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‘बचपन से थी सनातन धर्म में रुचि, लगाती थी बिंदी’ वंशिका ने बताया कि उनकी सनातन धर्म में रुचि बचपन से ही थी। वे घर पर बिंदी लगाती थीं और साड़ी पहनती थीं। वह नवरात्र में माता जी के दर्शन करने भी जाती थीं। उन्होंने बताया कि उनकी मां इस बात का विरोध करती थीं, लेकिन वंशिका ने हमेशा यही कहा कि वे हिंदू ही बनेंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कहीं और शादी की गई तो वे मर जाएंगी।
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हरिहर मिलन दिवस के अवसर पर महादेवगढ़ में संपन्न हुआ विवाह।

रुखसार (वंशिका) ने कहा कि वे रामचरित मानस के अनुसार अपना जीवन यापन करेंगी

कपल शादी के बाद श्री रामचरितमानस को सिर पर रखकर चला।
27 नवंबर को होना था निकाह 27 नवंबर को जब रुखसार के घरवालों ने उनकी सनातन धर्म की ओर बढ़ती रुचि को देखकर उनकी शादी (निकाह) तय कर दी, तो उन्होंने निकाह करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया दोस्त विशाल राजपूत (खंडवा) से विवाह करने का फैसला किया।
हरिहर मिलन दिवस पर संपन्न हुआ विवाह वंशिका और विशाल का विवाह हरिहर मिलन दिवस के अवसर पर महादेवगढ़ में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विनोद दहेलिया, सोनू वासवानी, मोहन पालीवाल, दुर्गेश मालाकार, चाहत तोमर, नितेश राठौर, विशाल पासी और पवन ने नव दंपति को श्री रामचरितमानस भेंट की।
रामचरितमानस के अनुसार जीवन जीने का संकल्प वंशिका ने श्री रामचरितमानस को स्वीकार करते हुए कहा कि वह इसे पढ़ेंगी और इसके अनुसार ही अपना जीवन जिएंगी।