Mohammed Shami Hasin Jahan: सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर मोहम्मद शमी और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस शमी की अलग रह रही पत्नी हसीन जहां द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने अपने भरण-पोषण भत्ते (Maintenance Allowance) को बढ़ाने की मांग की है. सुनवाई के दौरान बेंच ने टिप्पणी की कि कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित अंतरिम भरण-पोषण राशि काफी अच्छी लगती है.
अभी हसीन जहां को कितने रुपये मिलते हैं?
इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने शमी को कुल 4 लाख रुपये का मासिक भरण-पोषण देने का निर्देश दिया था. इसमें हसीन जहां के लिए 1.5 लाख रुपये और उनकी बेटी के लिए 2.5 लाख रुपये शामिल है. हसीन जहां ने अब शीर्ष अदालत का रुख किया है. राशि में संशोधन का अनुरोध करते हुए दावा किया है कि वर्तमान भरण-पोषण उनके और उनकी बेटी के खर्चों को पर्याप्त रूप से पूरा नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अंतिम फैसला लेने से पहले शमी और राज्य सरकार दोनों से जवाब मांगा है.
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शमी के चयन पर सवाल
यह मामला तब और अधिक चर्चा में आ गया जब बीसीसीआई ने अनुभवी तेज गेंदबाज को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी घरेलू टेस्ट सीरीज की टीम से बाहर कर दिया. कई लोगों का मानना है कि यह निर्णय चयनकर्ताओं के अनुभवी गेंदबाज से आगे बढ़ने के इरादे का संकेत देता है. अपने हालिया घरेलू प्रदर्शनों में उन्होंने फिटनेस और फॉर्म दोनों साबित किए. इसके बावजूद शमी को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है. 35 वर्षीय इस खिलाड़ी ने भारत का प्रतिनिधित्व करने की अपनी इच्छा बार-बार व्यक्त की है, लेकिन अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति की टीम के तेज गेंदबाजी विभाग के लिए अलग योजनाएं लगती हैं.
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2018 में दर्ज हुआ था मामला
मोहम्मद शमी ने साल 2014 में हसीन जहां के साथ निकाह किया था. करीब 4 साल बाद साल 2018 में हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद से दोनों अलग हो गए. इसके बाद इंस्टाग्राम पोस्ट में हसीन जहां ने शमी को ‘चरित्रहीन, लालची और मतलबी’ कहा था. एक शो के दौरान शमी ने अपनी निजी जिंदगी को लेकर कहा था कि कोई भी अपने घर में झगड़ा नहीं चाहता, खासकर तब, जब अपने देश की सेवा कर रहा हो. शमी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि बीते वर्षों में उन पर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, वह कुछ अपराधियों पर लगने वाले आरोपों से कहीं ज्यादा हैं.