भारतीय फुटबॉल से जुडी एक बहुत बड़ी खबर आई है. यह खबर सबसे बड़े क्लब मोहन बागान से जुड़ी है. दरअसल, मोहन बागान ने अपनी पहली टीम और इंडियन सुपर लीग (ISL) की मौजूदा चैंपियन मोहन बागान सुपर जायंट की अचानक सभी फुटबॉल गतिविधियां अनिश्चितकाल के लिए रोक दीं. यह फैसला तब लिया गया जब ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) को आईएसएल के व्यावसायिक अधिकारों यानी कमर्शियल राइट्स के लिए निकाले गए टेंडर में एक भी बोली नहीं मिली. इसकी वजह से भारत में घरेलू फुटबॉल का भविष्य अधर में लटक गया है.
मोहन बागान ने क्यों लिया ये फैसला?
मोहन बागान के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारे खिलाड़ियों को सोमवार को कैंप के लिए इकठ्ठा होना था, लेकिन अब कैंप को तब तक के लिए स्थगित कर दिया गया है जब तक आईएसएल की तारीखों पर कोई स्पष्टता नहीं आती.’ उन्होंने आगे कहा, टअब जब सीजन अनिश्चित है, हम अगले महीने सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के कॉन्ट्रैक्ट की समीक्षा करेंगे. हालांकि, हमने किसी की सैलेरी नहीं रोकी है- सभी को समय पर पेमेंट किया जा रहा है.’
AIFF के टेंडर को नहीं मिली कोई बोली
AIFF ने 16 अक्टूबर को ISL के व्यावसायिक अधिकारों के लिए 15 साल का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए कंपनियों से प्रस्ताव मांगे थे. इनकी आखिरी डेट 7 नवंबर थी और बोली खोलने की डेट 11 नवंबर तय की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी बिड इवैल्यूएशन कमेटी आज बैठक कर आगे की दिशा पर विचार करेगी, जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस नागेश्वर राव कर रहे हैं.
कोच जोसे मोलिना पर भी विचार
क्लब अधिकारी ने यह भी बताया कि हेड कोच जोसे मोलिना की सैलरी भी नहीं रोकी गई है. वह फिलहाल ब्रेक पर हैं, क्योंकि सुपर कप से बाहर होने के बाद उन्होंने टीम मैनेजमेंट की आलोचना की थी. मोलिना ने कहा था कि उन्हें टीम सिलेक्शन में कोई भूमिका नहीं दी जा रही है. क्लब ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनके भविष्य पर फैसला तभी लिया जाएगा जब आईएसएल को लेकर स्थिति साफ होगी. अधिकारी ने कहा, ‘उनका कॉन्ट्रैक्ट सामान्यत अप्रैल से मई तक चलता है. अब जब सीजन रुका हुआ है, हम उनका कॉन्ट्रैक्ट भी अगले महीने समीक्षा करेंगे, लेकिन उनकी सैलेरी जारी रहेगी.’
ईस्ट बंगाल की टीम जारी रखेगी अभ्यास
दूसरी ओर, ईस्ट बंगाल ने अपने ऑपरेशन्स जारी रखने का फैसला किया है. ईस्ट बंगाल ने गोल के अंतर के आधार पर मोहन बागान को पछाड़कर सुपर कप सेमीफाइनल में जगह बनाई है. टीम सोमवार से फिर अभ्यास शुरू करेगी, ताकि 4 दिसंबर को होने वाले सेमीफाइनल मुकाबले की तैयारी कर सके. ईस्ट बंगाल का सामना पंजाब एफसी से होगा, जबकि दूसरा सेमीफाइनल एफसी गोवा और मुंबई सिटी एफसी के बीच होगा. फाइनल मैच 10 दिसंबर को खेला जाएगा.
ईस्ट बंगाल के वरिष्ठ अधिकारी देबब्रत नीतू सरकार ने कहा, ‘हमने अपनी गतिविधियां नहीं रोकी हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि आईएसएल जारी रहेगा. भारतीय फुटबॉल ऐसे नहीं रुक सकता. खेल मंत्रालय, एआईएफएफ और पूर्व अधिकारी इसे रोकने नहीं देंगे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘सुपर कप भी होगा, भले कुछ बदलाव या देरी हो, लेकिन नॉकआउट मैच खेले जाएंगे. हमारे क्लब में न तो सुविधाएं बंद हुई हैं, न ही सैलरी रोकी गई है. हमारी टीम 10 नवंबर से कैंप शुरू करेगी.’
‘बीसीसीआई फुटबॉल की मदद करे’
नीतू सरकार ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से अपील की कि वह मौजूदा संकट से उबरने के लिए भारतीय फुटबॉल की मदद करे. उन्होंने कहा, ‘फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है और भारत में भी इसे बहुत पसंद किया जाता है. अगर बीसीसीआई चार-पांच साल के लिए भारतीय फुटबॉल को स्पॉन्सर करे, तो उनके लिए 100-150 करोड़ रुपये कोई बड़ी रकम नहीं है. अगर वे जिम्मेदारी लें, तो भारतीय फुटबॉल फिर से आगे बढ़ सकता है. इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता.’