लाल और हरे सिंघाड़े में क्या अंतर? किसे उबालना है…किसकी बनानी चाहिए सब्जी, यहां जानें, तभी मिलेगा स्वाद

लाल और हरे सिंघाड़े में क्या अंतर? किसे उबालना है…किसकी बनानी चाहिए सब्जी, यहां जानें, तभी मिलेगा स्वाद


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Water Chestnut: सर्दी के मौसम में बाजारों में सिंघाड़े आने शुरू हो गए हैं. आपने भी बाजार में छोटे-बड़े, लाल और हरे सिंघाड़े जरूर देखे होंगे. इन सिंघाड़ो की खासियत क्या है और इन्हें खाने का सही तरीका क्या है? किस सिघाड़े को उबालकर खाना चाहिए और किसकी सब्जी बढ़िया बतनी है यहां जानें…

Water Chestnut Variety: सर्दी के मौसम में बाजारों में सिंघाड़े आने शुरू हो गए हैं. आपने भी बाजार में छोटे-बड़े, लाल और हरे रंग के सिंघाड़े जरूर देखे होंगे. इन सिंघाड़ो की अलग-अलग खासियत होती है. साथ ही इन्हें खाने का तरीका भी अलग होता है. दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में किसान सिंघाड़े की तीन वैरायटी लाल, हरा और मुड़िया उगाते हैं. इनकी खासियत भी अलग-अलग है. कई बार लाल-हरा सिंघाड़ा सब्जीवाले एक साथ बेचते नजर आते हैं. ऐसे में क्या इनमें कोई बड़ा अंतर है? आइए किसानों से जानते हैं…

लाल सिंघाड़ा 
किसान जयस्वरूप रैकवार ने लोकल 18 बताया कि लाल सिंघाड़ा यानी घाटमपुरी सिंघाड़े की वैरायटी की बात करें तो यह साइज में बड़ा होता है और दिखने में लाल रंग का होता है. इसे छीलना आसान होता है. यह खाने में बहुत मीठा रहता है. हालांकि, इसे कच्चा ही खाना चाहिए. अगर इसे उबालकर खाते भी हैं तो यह पानी हो जाता है. छतरपुर जिले में लोग इसे कच्चा खाना ही पसंद करते हैं. इसमें प्रचुर मात्रा में पानी पाया जाता है. इस सिंघाड़े की सब्जी बनाकर भी लोग खाना पसंद करते हैं.

हरा सिंघाड़ा
हरे सिंघाड़े की वैरायटी की बात करें तो यह भी लाल सिंघाड़े की तरह ही खाने में स्वादिष्ट होता है. इसे भी कच्चा ही खाया जाता है. इसे भी उबालकर नहीं खाते हैं. यह लाल सिंघाड़े से साइज में छोटा हो सकता है. इसे हरेरा के नाम से जाना जाता है.

मुड़िया वैरायटी:
वहीं, मुड़िया सिंघाड़े की बात करें तो इसे देसी सिंघाड़ा भी कहा जाता है. यह साइज में छोटा होता है. इसमें कांटे नहीं होते हैं. इसे कच्चा खाना थोड़ा मुश्किल होता है. क्योंकि इसे छीलना आसान नहीं होता है, इसलिए ज्यादातर लोग इसे उबालकर ही खाना पसंद करते हैं. मार्केट में ज्यादातर यही छोटे साइज का सिंघाड़ा आता है, जिसे उबालकर ही बेचा जाता है. उबालने के बाद यह काला हो जाता है. इस सिंघाड़े को लोग चटनी के साथ खूब खाना पसंद करते हैं.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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