धार जिले के ग्राम कुमारउंडी (विकासखंड सरदारपुर) में बुधवार को किसानों की आय बढ़ाने और कपास उत्पादन को उन्नत बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई।कार्यशाला का आयोजन साइमा कॉटन डेवलपमेंट एंड रिसर्च एसोसिएशन (कोयंबटूर, तमिलनाडु) ने किया, जिसमें क
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मुख्य अतिथि कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली, लंबे रेशे वाली कपास किस्मों को अपनाने और वैज्ञानिक सलाह के साथ खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आगामी खरीफ सीजन में किसानों को नियमित प्रशिक्षण देकर उन्नत उत्पादन तकनीक से जोड़ें।
उन्नत बीज और तकनीक से बढ़ेगा उत्पादन
- ज्ञानसिंह मोहनिया, उप संचालक कृषि ने बताया कि एनएफएसएम योजना के तहत जिले में लंबे और अतिलंबे रेशे वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उत्पादन और क्षेत्रफल दोनों में वृद्धि होगी।
- डॉ. एम. आशारानी, सचिव एवं मुख्य कॉटन प्रजनक ने कहा कि साइमा कॉटन रिसर्च एसोसिएशन उद्योग और किसानों को जोड़कर सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण देती है।
- डॉ. वाई.जी. प्रसाद और डॉ. संदीप चौहान ने किसानों को फसल प्रबंधन, कीट नियंत्रण और संतुलित उर्वरक उपयोग पर मार्गदर्शन दिया।

किसानों को तकनीकी प्रदर्शन का लाभ कार्यक्रम में मधुबाबु, कॉटन डेवलपमेंट ऑफिसर ने कपास की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी लगाई और दिनेश गुप्ता, विपणन सलाहकार ने किसानों को उन्नत तकनीक और गुणवत्तापूर्ण बीज के लाभ बताए।कलेक्टर मिश्रा और एसडीएम सलोनी अग्रवाल ने स्थानीय किसानों मुन्नालाल और मडु भाई के खेतों में सुरक्षा और शक्ति बीटी किस्म का प्रदर्शन देखा।
कार्यशाला में 200 से अधिक किसान, कृषि अधिकारी, कर्मचारी और विक्रेता मौजूद थे। अंत में संगीता तोमर, सहायक संचालक कृषि ने आभार व्यक्त किया और मंच संचालन डी.के. उपाध्याय, पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी ने किया।