बैतूल जिले के भैंसदेही थाना क्षेत्र के सालेईढाना गांव में बुधवार शाम खेत में मक्का तोड़ रहे पिता-पुत्र पर दो भालुओं ने हमला किया। बेटे ने करीब आधा घंटे तक अकेले संघर्ष कर पिता की जान बचाई। दोनों गंभीर रूप से घायल हैं और जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
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घटना बुधवार शाम करीब 6 बजे हुई। सालेईढाना निवासी कालिया माओसकर (45) अपने खेत में मक्का तोड़ रहे थे। पास के जंगल से एक मादा भालू और उसका बच्चा खेत में घुस आए और कालिया पर हमला कर दिया।
बेटे ने बचाई पिता की जान
पास ही काम कर रहे उनके बेटे प्रदीप माओसकर (21) ने दौड़कर लकड़ी उठाई और भालू पर हमला किया। पिता को बचाने के प्रयास में दोनों भालुओं ने प्रदीप पर भी हमला किया।
ग्रामीणों के अनुसार, प्रदीप और भालुओं के बीच करीब 30 मिनट तक संघर्ष चला। प्रदीप ने हिम्मत नहीं हारी और अपने पिता को भालुओं से छुड़ाने में सफल रहा। हमले में कालिया को कमर के नीचे गहरे घाव और प्रदीप के शरीर में कई जगह पंजों के निशान और सूजन आई।
घायल का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दोनों पिता-बेटे अस्पताल में भर्ती
दोनों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान मौके पर पहुंचे और उन्हें भालुओं से अलग किया। उन्हें तुरंत भैंसदेही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर दोनों को बैतूल जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
घटना की सूचना पर वन विभाग का अमला भैंसदेही अस्पताल पहुंचा और घटनास्थल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में हमला मादा भालू द्वारा अपने बच्चे की सुरक्षा में किया गया प्रतीत होता है।
वन विभाग ने जारी किया अलर्ट
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रदीप मौके पर न होता तो पिता की जान बचाना मुश्किल था। प्रदीप की बहादुरी की भैंसदेही और आसपास के गांवों में सराहना हो रही है। वन विभाग ने ग्रामीणों को शाम के समय खेतों और जंगल की ओर अकेले न जाने की सलाह दी। साथ ही क्षेत्र में भालुओं की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।