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Narmada Nidhi Chicken Farming Tips: सर्दियों में जहां लोग कड़कनाथ चिकन खाना पसंद करते हैं, वहीं अब एक नई नस्ल ने सबका ध्यान खींचा है. दिखने में मुर्गे की कड़कनाथ जैसी यह नस्ल उससे भी ज्यादा पोषक तत्वों से भरी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके मांस में प्रोटीन और आयरन की मात्रा कड़कनाथ से भी ज्यादा होती है. इसे ‘कड़कनाथ का कॉकटेल’ भी कहा जाता है.
मध्य प्रदेश के जबलपुर में विकसित मुर्गे की नर्मदा निधि नस्ल इन दिनों किसानों और पोल्ट्री फार्म मालिकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह नस्ल कड़कनाथ और जबलपुर की स्थानीय रंगीन मुर्गी के क्रॉस से तैयार की गई है. इसी वजह से इसमें कड़कनाथ की मजबूती और देसी मुर्गी की उत्पादन क्षमता दोनों का मेल देखने को मिलता है.

खरगोन के पशु चिकित्सक डॉ सुभाष खन्ना लोकल 18 को बताते हैं कि नर्मदा निधि में 25 फीसदी कड़कनाथ और 75 फीसदी जबलपुर कलर मुर्गी के गुण पाए जाते हैं. इसकी खासियत है कि यह तेजी से बढ़ती है और ज्यादा अंडे देती है. वहीं इसका मांस स्वादिष्ट और पौष्टिक दोनों होता है. डॉ खन्ना के मुताबिक, किसानों के लिए यह नस्ल कड़कनाथ से भी ज्यादा लाभकारी साबित हो सकती है.

सिर्फ ढाई महीने में ही नर्मदा निधि के मुर्गे 800 से 900 ग्राम तक वजन प्राप्त कर लेते हैं. 140 दिनों यानी लगभग साढ़े चार महीने में यह डेढ़ किलो तक वजन हासिल कर लेते हैं. वहीं मादाएं सवा किलो तक पहुंच जाती हैं. इसकी तेज ग्रोथ रेट के चलते किसान कम समय में अधिक लाभ उठा सकते हैं.

जहां देसी मुर्गियां एक साल में 45 से 50 अंडे देती हैं, वहीं नर्मदा निधि सालाना 170 से 190 अंडे देती है. इसे डुअल पर्पज नस्ल माना जाता है, यानी अंडा और मांस दोनों के लिए फायदेमंद. यही वजह है कि यह नस्ल अब ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में तेजी से अपनाई जा रही है.

नर्मदा निधि नस्ल का मांस स्वादिष्ट होने के साथ स्वास्थ्यवर्धक भी है. इसमें फैट की मात्रा बेहद कम होती है जबकि प्रोटीन, आयरन, फास्फोरस और अन्य मिनरल्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. यह शरीर को मजबूत बनाता है और कुपोषण की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि नर्मदा निधि नस्ल कम खर्च में ज्यादा फायदा देने वाली है. इसकी तेजी से बढ़ती ग्रोथ और अंडा उत्पादन क्षमता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ा सकती है. यही वजह है कि अब झाबुआ, धार और खरगोन जैसे जिलों में भी इसकी मांग बढ़ने लगी है.