टीआई ने खुद फेक कॉलर्स को कॉलबैक की।
धार जिले के धामनोद के एक बुजुर्ग के पास शनिवार शाम मोबाइल कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा, “हम ATS पुणे से बोल रहे हैं। हाल ही में हुई आतंकवादी गतिविधियों में आपका नंबर मिला है। तुरंत किसी कमरे में जाइए और हर आधे घंटे में हमें मैसेज करें कि आप सुरक्षित
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बुजुर्ग देवराम पटेल घबरा गया, लेकिन समझदारी दिखाते हुए सीधे धामनोद थाना पहुंचे और टीआई प्रवीण ठाकरे को पूरी घटना बताई। थाने में टीआई ने तत्काल वीडियो कॉल के जरिए उस कथित अधिकारी से बात की और पता चला कि यह कॉल पूरी तरह से फेक थी। कॉलर केवल पुलिस की वर्दी और सरकारी बैकग्राउंड का दिखावा कर डराने की कोशिश कर रहा था।
टीआई ने स्पष्ट किया कि पुलिस कभी भी वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करती। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जैसे “आपके पार्सल में ड्रग्स है”, “आपका बच्चा पकड़ा गया है” या “आपका आतंकियों से लिंक मिला है” जैसी धमकियां। ये सभी साइबर फ्रॉड हैं, केवल लोगों को डराकर फंसाने के लिए की जाती हैं।
देवराम पटेल की समझदारी से एक बड़ा नुकसान टल गया। टीआई ने धामनोद और पूरे धार जिले की जनता से निवेदन किया कि ऐसे किसी भी फेक कॉल पर भरोसा न करें। यदि कोई अजनबी या स्वयं को पुलिस बताने वाला व्यक्ति वीडियो कॉल करे, तो तुरंत पास के थाने में इसकी सूचना दें।
बुजुर्ग ने पुलिस थाने पहुंचकर टीआई को घटनाक्रम के बारे में बताया।