शेफाली बोलीं- सिर्फ एक टारगेट था वर्ल्डकप जीतना: बैटिंग करते हुए मैं और स्मृति एक ही बात कह रहे थे-हो जाएगा, बस अपना खेल खेलो

शेफाली बोलीं- सिर्फ एक टारगेट था वर्ल्डकप जीतना:  बैटिंग करते हुए मैं और स्मृति एक ही बात कह रहे थे-हो जाएगा, बस अपना खेल खेलो


13 मिनट पहले

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2025 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद टीम की स्टार खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने मैदान के अंदर और बाहर के कई अहम पलों पर खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे प्रतिका रावल की चोट के बाद टीम में शामिल होने से लेकर सुने लूस–लौरा वोल्वार्ट की खतरनाक पार्टनरशिप तोड़ने तक हर मोड़ पर दिमाग में सिर्फ एक ही लक्ष्य था।

टीम को जीत दिलाना।स्मृति मंधाना के साथ फाइनल में हुई बातचीत, अमनजोत कौर के टर्निंग पॉइंट बने कैच, 2020 और 2025 फाइनल के फर्क और कोच अनमोल मजूमदार के रोल पर भी उन्होंने ईमानदारी से बात की।

सवाल: सुने लूस और लौरा वोल्वार्ट के बीच 51 रन की लंबी पार्टनरशिप हो चुकी थी। ऐसे में कप्तान हरमनप्रीत ने आपको गेंद देने से पहले क्या कहा?

जवाब: गेंद देने से पहले कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मुझसे बस इतना पूछा- ‘बॉल डालोगी?’ मैंने तुरंत कहा-हां।’ हमने मैच से पहले तय किया था कि जीत के लिए जो भी योगदान देना होगा, हर खिलाड़ी आगे आएगी। उस समय सुने लूस और लौरा वोल्वार्ट की पार्टनरशिप अच्छी चल रही थी। हरमन ने जब गेंद थमाई, तो मैंने खुद से कहा कि मुझे अपने पहले ही ओवर में विकेट लेना है। मैं वह कर पाई।

यह प्रदर्शन विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच का है।

यह प्रदर्शन विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच का है।

सवाल: आपको प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद सेमीफाइनल और फाइनल के लिए टीम में शामिल किया गया था। उस समय आपके दिमाग में क्या चल रहा था?

जवाब: प्रतिका के साथ जो भी हुआ, वह कोई भी स्पोर्ट्स पर्सन नहीं चाहता। जब मुझे टीम में रखा गया, तब मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी। किसी न किसी मैच में अपने दम पर टीम को जीत दिलानी है। मुझे पता था कि यह कितना बड़ा मंच है। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं, कि फाइनल में मुझे वह इनिंग खेलने का मौका मिला और मैं टीम को जीत दिलाने में सफल रही।

यह प्रदर्शन विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच का है।

यह प्रदर्शन विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच का है।

सवाल: 2020 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल और 2025 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में क्या समानता और क्या अंतर था?

जवाब: 2020 टी-20 फाइनल हम बहुत करीब आकर हार गए थे। मैं ही नहीं, पूरी टीम उस मैच के बाद भावुक थी। उस वर्ल्ड कप की कई खिलाड़ी अभी भी टीम में हैं, इसलिए सभी समझते थे कि यह मौका हमारे लिए कितना अहम है। खासतौर पर जब फाइनल भारत की सरजमीं पर हो रहा था। इस बार हमने पूरी जान लगा दी। फर्क यह था कि 2025 में हमें अपने देश में खेलते हुए क्राउड का अपार समर्थन मिला, जिसका मैं दिल से धन्यवाद करती हूं।

सवाल: फाइनल में स्मृति मंधाना के साथ पार्टनरशिप कर कैसी फीलिंग थी? आप दोनों के बीच क्या बातचीत होती रही?

जवाब: मैं और स्मृति पहले भी कई बार साथ खेल चुके हैं, इसलिए हमारे बीच अच्छी समझ है। हम दोनों काफी कॉन्फिडेंट महसूस कर रहे थे। एक-दूसरे को लगातार बैक कर रहे थे और कह रहे थे- ‘हो जाएगा, बस अपना खेल खेलो।’ स्मृति उस समय शानदार फॉर्म में थीं, जिससे मुझे भी काफी भरोसा मिला।

स्म़ति और शेफाली के बीच यह पार्टनरशिप विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच का है।

स्म़ति और शेफाली के बीच यह पार्टनरशिप विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच का है।

सवाल: अमनजोत कौर ने जो लौरा वोल्वार्ट का कैच पकड़ा, उस समय आपके दिमाग में क्या चल रहा था?

जवाब: जब कैच हवा में गया, मेरे मन में पहला विचार यही आया कि लौरा मैच जिता सकती थी। वह कई बार ऐसी परिस्थितियों में टीम को जीत दिला चुकी है। इसलिए उसका कैच बेहद जरूरी था। जैसे ही अमनजोत ने कैच पकड़ लिया, मुझे लगा कि मैच अब हमारी तरफ झुक गया है। मैं उस पल पर बहुत राहत महसूस कर रही थी।

सवाल: कोच अनमोल मजूमदार का आपको और बाकी खिलाड़ियों को कितना सपोर्ट मिला?

जवाब: अनमोल सर ने न सिर्फ इस साल, बल्कि कई सालों से हमारी पूरी टीम के साथ बहुत मेहनत की है। उनके अलावा पूरी टीम और सपोर्टिंग स्टाफ का इस वर्ल्ड कप जीत में बड़ा योगदान रहा। हम सभी एक-दूसरे को लगातार सपोर्ट करते रहे। आप तभी वर्ल्ड चैंपियन बनते हैं, जब पूरी टीम का लक्ष्य एक हो और हमारा टारगेट सिर्फ एक था, वह वर्ल्ड कप जीतना।

ट्रॉफी के साथ इंडिया विमेंस।

ट्रॉफी के साथ इंडिया विमेंस।

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