Unbreakable Cricket Record: क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे रिकॉर्ड हैं जिन्हें अजूबा कहें तो गलत नहीं होगा. बल्लेबाजी में सचिन के 100 शतकों के रिकॉर्ड को अजूबा कहा जाता है तो गेंदबाजी में मुथैया मुरलीधरन के 1347 इंटरनेशनल विकेटों का रिकॉर्ड अमर हैं. ऐसे ही एक अजूबे से हम आपको वाकिफ कराने जा रहे हैं जहां मुरलीधरन भी फेल हो गए. हम जिस रिकॉर्ड के बारे में आपको रूबरू कराने जा रहे हैं उस रेस में मुरलीधरन भी थे, लेकिन 6 विकेट से चूक गए.
कौन है नंबर-1?
क्रिकेट के मैदान पर स्पिन गेंदबाजी का मतलब ही शेन वॉर्न था. ऑस्ट्रेलिया का यह लेजेंडरी लेग-स्पिनर, जिसे दुनिया ‘वॉर्नी’ कहकर पुकारती थी. उन्होंने न सिर्फ बल्लेबाजों को अपनी उंगलियों पर नचाया, बल्कि रिकॉर्ड्स की किताबों को भी हमेशा के लिए बदल दिया. यही वो नाम है जो इस महारिकॉर्ड पर पिछले 20 सालों से राज कर रहा है. शेन वार्न ने ये इतिहास साल 2005 में रचा.
96 विकेट का वर्ल्ड रिकॉर्ड
ये रिकॉर्ड एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट्स लेने का है. साल 2005 में वॉर्न ने महज 15 टेस्ट खेले थे जिसमें उन्होंने 96 विकेट्स लेकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया था. उन्होंने इस दौरान 2 बार 10 विकेट झटके जबकि 6 बार पंजा खोला. इतना ही नहीं, वॉर्न ने 9 बार विकेटों का चौका लगाया. इस तरह से उन्होंने महज 15 टेस्ट में 96 विकेटों का अंबार लगा दिया. ये रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया. यहां तक कि स्पिन के बादशाह मुथैया मुरलीधरन भी इस असंभव ऊंचाई को छूने में नाकाम रहे.
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दूसरे नंबर पर मुरलीधरन
श्रीलंका के दिग्गज फिरकी मास्टर मुरलीधरन ने अगले ही साल इस महारिकॉर्ड पर ग्रहण लगा दिया था. लेकिन तोड़ने से 6 विकेटों से चूक गए. उन्होंने साल 2006 में 90 विकेट्स झटके और इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर कब्जा जमा लिया था. मुरलीधरन के पास श्रीलंका की पिचें थीं, जो स्पिन के लिए स्वर्ग जैसी, फिर भी वह इस रिकॉर्ड पर राज नहीं कर पाए. मॉडर्न क्रिकेट में रविचंद्रन अश्विन, नाथन लियोन जैसे स्पिनर भी 50-60 विकेट्स तक पहुंचते हैं, लेकिन 96? सपना ही लगता है. वॉर्न का जादू आज भी जीवित है. 2022 में उनकी असामयिक मृत्यु ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया, लेकिन उनका रिकॉर्ड अमर हो गया.