सीधी शहर की सफाई व्यवस्था मंगलवार सुबह से पूरी तरह ठप हो गई है। नगर पालिका के आउटसोर्स सफाईकर्मियों ने वेतन और अन्य भुगतानों में देरी के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल से शहर के सभी 24 वार्डों में सफाई कार्य प्रभावित होगा।
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सफाईकर्मियों के अनुसार, पिछले चार साल से उनका पीएफ जमा नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें नौ महीने से एरियर और डेढ़ महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इन वित्तीय समस्याओं के कारण कुल 33 आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है।
हड़ताल पर बैठे सफाईकर्मी सिद्धार्थ भारती ने बताया कि वेतन भुगतान में लगातार देरी होती रही है, कभी दो तो कभी तीन महीने बाद वेतन मिलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके इंचार्ज कहते हैं कि ‘जब मन पड़ेगा तब वेतन देंगे, काम करना हो तो करो, नहीं तो छोड़ दो।’ भारती ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
हड़ताल में सिद्धार्थ भारती, सुनील भारती, सागर भारती, नंदू भारती, नीरज और सुदर्शन सहित कुल 33 सफाईकर्मी शामिल हैं।

इस संबंध में सफाईकर्मी इंचार्ज गौरव सिंह ने बताया कि उनका कार्य केवल कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कर सीएमओ को भेजना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वेतन जारी करने का अधिकार उनके पास नहीं है और सीएमओ की ओर से अभी तक वेतन संबंधी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
वहीं, जब सीएमओ मिनी अग्रवाल से इस मामले पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस विषय पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।