Last Updated:
Satna News: दोनों तरह की दवाइयों का असर तभी सही आता है, जब स्प्रे जड़ों और पत्तियों दोनों पर एक समान किया जाए. एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि स्प्रे मशीन का प्रेशर बैलेंस रखें और पूरे क्षेत्र में बराबर दवा पहुंचाने पर ध्यान दें.
सतना. रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही ठंड बढ़ने लगी है और यही वह समय है, जब लोग अपनी बगिया में सब्जियां और फल लगाने की तैयारी करते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के सतना और आसपास के क्षेत्रों की अधिकतर बगिया की सबसे बड़ी समस्या है पूरी जमीन का घास-फूस से भर जाना, जिससे खेती की शुरुआत ही मुश्किल हो जाती है. लोकल 18 को जानकारी देते हुए पेस्टीसाइड एक्सपर्ट अमित सिंह बताते हैं कि सिर्फ सही दवाई और सही स्प्रे तकनीक अपनाकर आधा एकड़ बगिया को मात्र 250 से 400 रुपये में पूरी तरह साफ किया जा सकता है, वह भी बिना किसी भारी मेहनत के.
सेलेक्टिव दवाइयां: जड़ से खत्म करने वाली कारगर तकनीक
अमित सिंह बताते हैं कि खरपतवार हटाने के दो प्रमुख विकल्प होते हैं, जिसमें सेलेक्टिव और नॉन-सेलेक्टिव दवाइयां शामिल हैं. सेलेक्टिव दवाइयां उन पौधों को प्रभावित नहीं करती, जिन्हें किसान बचाना चाहते हैं और सिर्फ अवांछित चारे को खत्म करती हैं. इनमें सबसे कारगर दवा है फ्लाइट 71, जिसे आधा एकड़ में उपयोग करने पर लगभग 400 रुपये का खर्च आता है. यह दवा जड़ों तक असर करके घास को खत्म करती है. इसके अलावा 2-4डी, टार्गा सुपर और विपा सुपर जैसी श्रेणियां भी तेजी से चारा मारने में सक्षम हैं, हालांकि इनमें 15–20 दिन बाद चारा दोबारा उगने लगता है.
नॉन-सेलेक्टिव दवाइयां: तेज असर और कम खर्च वाला विकल्प
यदि बगिया पूरी तरह घास-फूस से भरी हो और तुरंत सफाई की जरूरत हो, तो नॉन-सेलेक्टिव दवाइयां सबसे किफायती विकल्प बन जाती हैं. अमित सिंह बताते हैं कि इस श्रेणी में मिलक्विट सबसे असरदार दवा मानी जाती है. इसका खर्च आधा एकड़ क्षेत्र के लिए लगभग 250 रुपये आता है. मिलक्विट को 15 लीटर पानी में 150 मिली मिलाकर स्प्रे किया जाता है. आधा एकड़ में कम से कम 100 लीटर मिश्रण का समान रूप से छिड़काव जरूरी है ताकि पत्तियों और जड़ों दोनों पर असर पड़े. यह दवा थोड़ी देर में असर दिखाती है लेकिन इसका फायदा यह है कि चारा दोबारा नहीं उभरता.
सही स्प्रे तकनीक बेहतर परिणाम की कुंजी
दोनों प्रकार की दवाइयों का प्रभाव तभी सही आता है, जब स्प्रे पत्तियों और जड़ों दोनों पर एक समान किया जाए. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्प्रे मशीन का प्रेशर संतुलित रखें और पूरे क्षेत्र में बराबर दवा पहुंचाने पर ध्यान दें. इससे दवा का प्रभाव न सिर्फ तेज होगा बल्कि बगिया लंबे समय तक खरपतवार मुक्त भी रहेगी.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.