अल फलाह यूनिवर्सिटी चांसलर जवाद सिद्दीकी और भाई हमूद पर भोपाल में भी करोड़ों की ठगी के केस दर्ज, खुल गई फाइल

अल फलाह यूनिवर्सिटी चांसलर जवाद सिद्दीकी और भाई हमूद पर भोपाल में भी करोड़ों की ठगी के केस दर्ज, खुल गई फाइल


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Delhi Blast News Update: दिल्ली लाल किला ब्लास्ट से जुड़े चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी और उसके भाई ने भोपाल में भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया था. ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद भोपाल में भी इकनी पुरानी फाइलें खुलने लगी हैं.

जवाद अहमद सिद्दीकी और भाई हमूद.

रिपोर्ट: रमाकांत दुबे

Bhopal News: दिल्ली लाल किले ब्लास्ट की जांच के तार फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से भी जुड़ चुके हैं. यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. वहीं, भोपाल से भी एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी और उनके भाई हमूद सिद्दीकी पर शाहजहानाबाद और तलैया थाने में करोड़ों रुपये की ठगी के पुराने केस दर्ज हैं.

ये केस फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर उन नबी से इन दोनों भाइयों के कथित लिंक मिलने के बाद जांच का दायरा भोपाल तक फैल गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि हमूद सिद्दीकी 25 साल फरार रहने के बाद हाल ही में अरेस्ट हो चुका है. अब भोपाल पुलिस भी दोनों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगालने में जुटी हुई है.

जानें 1999 का मामला
सूत्रों के अनुसार, हमूद सिद्दीकी ठगी का मास्टरमाइंड था. उसके खिलाफ 1999 में शाहजहानाबाद थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज था. इसके अलावा, इंदौर के महू थाने में भी उसके खिलाफ फ्रॉड के मामले दर्ज हैं. हमूद पर 5,000 रुपये का इनाम भी घोषित था. इन दोनों भाइयों ने भोपाल के पुराने मुस्लिम बहुल इलाकों में एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया था. अपनी ही कम्युनिटी के लोगों का विश्वास जीतकर वे निवेश के नाम पर लालच देते थे. कम समय में पैसा दोगुना करने का वादा करते थे. कई लाख रुपये जमा होते ही दोनों भोपाल से फरार हो जाते. एक मामले में लाखों रुपये की धोखाधड़ी के बाद दोनों गायब हो गए थे.

खंगाली जा रही दोनों की फाइल
वहीं, भोपाल पुलिस एजेंटों और साथियों की तलाश जारी रखे हुए है. कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, जवाद और हमूद के खिलाफ दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड और पुराने आपराधिक इतिहास एकत्रित किए जा रहे हैं. वहीं, पुलिस का कहना है कि जांच में और बड़े नाम उजागर हो सकते हैं. दोनों भाइयों की कम्युनिटी में पैदा हुई नाराजगी बढ़ रही है, जहां लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि कैसे विश्वास का यह जाल इतने साल चला.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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अल फलाह के चांसलर जवाद सिद्दीकी और हमूद ने भोपाल में भी की थी करोड़ों की ठगी



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