उज्जैन के कालिदास मेले में बड़ा बदलाव! पहली बार माताओं के लिए शुरू हुई अनोखी सुविधा, सब कर रहे तारीफ

उज्जैन के कालिदास मेले में बड़ा बदलाव! पहली बार माताओं के लिए शुरू हुई अनोखी सुविधा, सब कर रहे तारीफ


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Ujjain News: अखिल भारतीय कालिदास समारोह के दौरान जिला पंचायत उज्जैन द्वारा आयोजित हस्तशिल्प मेला इस वर्ष नए नवाचार के कारण खास चर्चा में है. पहली बार रीक्रिएट सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने “वात्सल्य स्तनपान केंद्र” शुरू किया है, जहाँ माताओं को बच्चों को सुरक्षित और आराम से स्तनपान कराने की सुविधा मिलती है.

उज्जैन. अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर हर वर्ष जिला पंचायत उज्जैन द्वारा एक विशेष मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले का मुख्य उद्देश्य उज्जैन की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को जीवित रखना और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है. यह मेले मे कई ऐसी वस्तु भी देखने को मिलती है, जो धीरे-धीरे विलुप्त होते नज़र आ रही है. इस बार यह मेले मे एक नवाचार हुआ है. जो महिलाओ को काफ़ी प्रसन्न आ रहा है.

दरअसल इस मेले में भारत के कई राज्यों के कलाकार और कारीगर हिस्सा लेते हैं. इनमें राजस्थान, गुजरात, उत्तरांचल, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ प्रमुख हैं. मेले में भाग लेने वाले कारीगरों में हाथकरघा बुनकर, बुनकर सहकारी समितियों के सदस्य, औद्योगिक सहकारी समितियों के लोग, स्व-सहायता समूह, हस्तशिल्पी और स्वरोजगार करने वाले लोग शामिल होते हैं. ये सभी अपने-अपने उत्पादों को प्रदर्शित, प्रचारित और बिक्री के लिए लाते हैं.

क्या है इस मेले का उदेश्य?
मेले में लगभग 300 स्टॉल लगाए जाते हैं, जिनकी व्यवस्था जिला पंचायत द्वारा नि:शुल्क की जाती है. स्टॉलों के लिए प्रकाश और सुरक्षा की भी उत्तम व्यवस्था की जाती है. इसका उद्देश्य कारीगरों और व्यापारियों को आरामदायक और सुरक्षित माहौल में अपने उत्पाद पेश करने का अवसर देना है.

नवाचार से ख़ुश हो रही महिलाएं?
इस वर्ष के मेले में एक खास पहल की गई है. पहली बार “रीक्रिएट सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन, उज्जैन” द्वारा वात्सल्य स्तनपान केंद्र स्थापित किया गया है. इस केंद्र में माताएं आराम से बैठकर अपने बच्चों को स्तनपान करा रही हैं. यहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि माताओं और बच्चों को सुविधा और सुरक्षा दोनों मिलें. इस पहल को मेले में सभी ने सराहा और इसे महिलाओं के लिए एक उपयोगी सुविधा बताया है. इस प्रकार, जिला पंचायत उज्जैन का यह हस्तशिल्प मेला न केवल कारीगरों और कलाकारों को अपने उत्पाद दिखाने और बेचने का अवसर देता है, बल्कि यह उज्जैन की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित रखने में मदद करता है. यह मेले में शामिल सभी लोगों के लिए सीखने, देखने और आनंद लेने का भी एक विशेष अवसर है.

महाकाल लोक में भी होगा जल्द शुभारंभ
रीक्रिएट सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन, के डायरेक्ट दीपमाला सिसोदिया नें बताया कि यह हमारा पहला प्रयास था. जिसमे महिला काफ़ी प्रसन्न है. अब आगे जाके हम महाकाल लोक जहाँ देश-विदेश मे श्रद्धांलु आते है. वहा भी ऐसी सुविधा चालु करे जिससे माँ और बच्चे को कोई परेशानी ना हो.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two and Half Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two and Half Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has… और पढ़ें

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उज्जैन के कालिदास मेले में बड़ा बदलाव! पहली बार माताओं के लिए शुरू हुई सुविधा



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